बुलंदशहर में बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में चल रहा आंदोलन गुरुवार को अपनी पहली वर्षगांठ पर और तेज हो गया। हाईडील कॉलोनी स्थित विद्युत विभाग कार्यालय पर कर्मचारियों ने सरकार के निजीकरण के निर्णय के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन अभियंता संघ और विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन समिति के संयुक्त बैनर तले आयोजित किया गया। कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की और अपना विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन गुरुवार शाम तक जारी रहा। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि बिजली वितरण का निजीकरण प्रदेश के उपभोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के लिए हानिकारक साबित होगा। उन्होंने आशंका जताई कि निजी कंपनियों के आने से बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी होगी। सिंह के अनुसार, उपभोक्ताओं को ओवरबिलिंग, तकनीकी शिकायतों और अतिरिक्त शुल्क जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। वहीं, स्थायी कर्मचारियों की छंटनी और संविदा कर्मियों के भविष्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। सुरेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि पूरे वर्ष संघर्ष के बावजूद सरकार ने निजीकरण पर कोई स्पष्ट रुख नहीं दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि “जब तक सरकार यह निर्णय वापस नहीं लेती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।” कर्मचारियों ने इस बात पर जोर दिया कि निजी कंपनियों का मुख्य उद्देश्य केवल लाभ कमाना होता है, जबकि बिजली जैसी आवश्यक सेवा को सामाजिक जिम्मेदारी के साथ संचालित किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि निजीकरण से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रभावित होगी। उनका कहना था कि उपभोक्ता सेवा केंद्र केवल औपचारिकता बनकर रह जाएंगे, जिससे शिकायतों के निवारण में देरी होगी और अधिभार में बढ़ोतरी आम बात हो जाएगी।
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