लखनऊ में 19वीं राष्ट्रीय जंबूरी में राजस्थान के कलाकारों द्वारा तैयार किए गए स्काउट-गाइड गेट विजिटर के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। ये गेट न केवल राजस्थान की संस्कृति और शिविर कला को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि देशभर से आए स्काउट-गाइड के लिए सीख और प्रेरणा का स्रोत भी हैं। सीओ स्काउट बीकानेर जसवंत सिंह राजपुरोहित ने बताया- राज्य दल ने स्काउटिंग की भावना, राजस्थान की संस्कृति और शिविर जीवन की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए दो अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए हैं। लड़कों के लिए स्काउट गेट और लड़कियों के लिए गाइड गेट। गेट की तस्वीरें देखिए… मांडणा शैली के पैटर्न और मरुधरा की पहचान इन गेटों का डिज़ाइन राजस्थान की लोक-कलात्मक झलक से प्रेरित है, जिसमें पारंपरिक रंग, लोक आकृतियां, मांडणा शैली के पैटर्न और मरुधरा की पहचान दर्शाने वाले तत्व शामिल हैं। गेट के भीतर शिविर कला (कैंप क्राफ्ट) पर आधारित कई आकर्षक मॉडल तैयार किए गए हैं। इन मॉडलों में पायनियरिंग स्ट्रक्चर, टेंट निर्माण, गांठें-बंधन, फर्स्ट एड, आपदा प्रबंधन उपकरण और शिविर व्यवस्था जैसे कौशल शामिल हैं। ये मॉडल प्रतिभागियों को स्काउट-गाइड प्रशिक्षण की गहराई और अनुशासन से परिचित कराते हैं। शिक्षण-प्रदर्शन मंच के रूप में विकसित किया राजपुरोहित ने आगे बताया- राजस्थान दल का उद्देश्य केवल सुंदर गेट बनाना नहीं था, बल्कि इसे एक शिक्षण-प्रदर्शन मंच के रूप में विकसित करना था। इन मॉडलों के माध्यम से देशभर के स्काउट-गाइड प्रत्यक्ष रूप से सीख सकते हैं और प्रेरणा ले सकते हैं। ये मॉडल शिविर जीवन में आवश्यक आत्मनिर्भरता, रचनात्मकता और टीम भावना का सजीव उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। गेटों के सामने सेल्फी ले रहे स्काउट्स इन गेटों को देखने के लिए विभिन्न राज्यों से आए बच्चे और युवा बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं। वे राजस्थान की संस्कृति, मॉडलों की तकनीक और स्काउटिंग गतिविधियों के बारे में उत्सुकता से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। प्रतिभागी दोनों गेटों के सामने सेल्फी भी ले रहे हैं, जिससे सोशल मीडिया पर इनकी खूब चर्चा हो रही है।
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