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मदरसों, तब्लीगी जमात से पूछताछ पर AIMIM का विरोध:डीएम से की मुलाकात, उत्पीड़न न रुकने पर आंदोलन की चेतावनी

मुजफ्फरनगर में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने तब्लीगी जमात के सदस्यों और मदरसों से जुड़े लोगों के खिलाफ कथित अनावश्यक पूछताछ और मानसिक उत्पीड़न का कड़ा विरोध किया है। पार्टी ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए तत्काल रोकने की मांग की है। बुधवार को AIMIM के जिलाध्यक्ष इमरान कासमी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि प्रशासन की ये कार्रवाइयां संविधान प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन हैं और समाज में भय व अविश्वास का माहौल पैदा कर रही हैं। पार्टी ने स्पष्ट किया कि तब्लीगी जमात और मदरसे केवल धार्मिक व नैतिक शिक्षा देने, सामाजिक सद्भाव बढ़ाने तथा मानवता की सेवा करने का कार्य करते हैं। उनके अनुसार, बिना किसी ठोस आधार के की जा रही कार्रवाईयां अनुचित हैं। प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में तीन प्रमुख मांगें रखीं। इनमें तब्लीगी जमात और मदरसों के संचालकों, शिक्षकों तथा छात्रों के खिलाफ किसी भी प्रकार की अनावश्यक पूछताछ, उत्पीड़न या दबाव को तुरंत बंद करना शामिल है। दूसरी मांग यह थी कि यदि कोई जांच जरूरी हो तो वह पूरी तरह कानूनी, पारदर्शी, निष्पक्ष और सम्मानजनक ढंग से की जाए। तीसरी मांग में जिले में पैदा हो रहे भय के माहौल को खत्म करने के लिए प्रशासन से स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने को कहा गया, ताकि समुदाय का विश्वास बहाल हो सके। AIMIM ने चेतावनी दी कि यदि ऐसी कार्रवाइयां नहीं रुकीं तो मुस्लिम समुदाय में आक्रोश बढ़ेगा और सामाजिक सौहार्द को गहरा नुकसान पहुंचेगा। AIMIM के पश्चिमी उत्तर प्रदेश महासचिव इंतजार अंसारी ने मीडिया से बातचीत में प्रशासन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन को तब्लीगी जमात की हकीकत जाननी है तो पहले LIU (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) की पूरी टीम को 40 दिन की जमात में भेजा जाए। अंसारी ने जोर देकर कहा कि बाहर बैठकर अफवाहों के आधार पर आरोप लगाना आसान है, लेकिन जमात का मकसद अल्लाह की राह में वक्त गुजारना और नेक अमल सिखाना है। उन्होंने कहा कि अनुभव के बिना कोई फैसला नहीं किया जा सकता। AIMIM नेताओं ने प्रशासन से अपील की कि संवैधानिक मूल्यों का सम्मान करते हुए सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी खास समुदाय को निशाना बनाना न केवल गलत है, बल्कि देश की गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ भी है। ज्ञापन सौंपने वालों में जिला उपाध्यक्ष हाजी इरफान, युवा अध्यक्ष फैजान चौधरी, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष नदीम अहमद समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे।


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