राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को आदेश दिया कि बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए राष्ट्रीय या राज्य राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में स्थित सभी शराब की दुकानों को उनके वर्तमान स्थानों से हटा दिया जाए, चाहे उन पर किसी भी स्थानीय प्राधिकरण का अधिकार क्षेत्र क्यों न हो।
न्यायमूर्ति पी.एस. भाटी और न्यायमूर्ति संजीत पुरोहित की जोधपुर खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि राजमार्गों पर शराब को बढ़ावा देने वाले किसी भी तरह के दृश्य संकेत नहीं होने चाहिए। इसका मतलब है कि शराब की दुकानों के संकेतक बोर्ड, बैनर या विज्ञापन इस तरह नहीं लगाए जा सकते कि उन्हें राजमार्ग पर चलने वाले लोग देख सकें।
पीठ ने राज्य सरकार से कहा है कि उसने जिन 1,102 शराब की दुकानों को चिह्नित किया है, उन्हें दो महीने के अंदर कानूनी रूप से मान्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए जो प्रतिबंधित क्षेत्र की सीमा से बाहर हों।
याचिकाकर्ता कन्हैया लाल सोनी और मनोज नाई ने दलील दी कि जो शराब की दुकानें राजमार्ग पर हैं, खासकर वे स्थान जहां दुर्घटनाओं की संख्या पहले से अधिक है उन पर सख्त नियम और नियंत्रण लागू करने की आवश्यकता है।
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