पटना में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए ट्रायल किया जा रहा है। इसी कड़ी में शिवपुरी से दीघा तक अटल पथ सर्विस लेन को वन-वे करने का ट्रायल किया गया, लेकिन पहले ही दिन यह व्यवस्था प्रभावी नहीं दिखी। डीएम ने मंगलवार को स्थल निरीक्षण कर नई व्यवस्था को हरी झंडी दी थी। ताकि स्कूली समय में लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिल सके। लेकिन बुधवार सुबह और दोपहर तक तस्वीर ज्यों की त्यों रही। दोनों तरफ चलती रहीं गाड़ियां, वन-वे की व्यवस्था फेल सर्विस लेन में वन-वे सिस्टम लागू करने का दावा किया गया था, लेकिन हकीकत में सर्विस लेन पर दोनों तरफ से गाड़ियों की आवाजाही जारी रही। जब इस बारे में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से पूछा गया तो उनका सीधा जवाब था “हमें इसे रोकने का कोई निर्देश नहीं मिला है।” इस दौरान सड़क पर वन-वे से जुड़े कोई साइन बोर्ड या बैरिकेडिंग नहीं दिखे। इससे साफ है कि लागू होने वाला आदेश और जमीन पर वास्तविक प्रशासनिक तैयारी के बीच तालमेल का अभाव है। डीएम की बैठक और नई व्यवस्था का उद्देश्य प्रशासन ने प्लान बनाया था कि शिवपुरी से दीघा तक सर्विस लेन वन-वे होगी। इससे पाटलिपुत्र इलाके और अटल पथ के पास स्कूल टाइम पर लगने वाला जाम खत्म होगा। लेकिन पहले दिन ही ट्रायल सफल होते नहीं दिख रहा है। सुबह और दोपहर के पीक ऑवर में स्थिति वैसी ही रही। सर्विस लेन पर उल्टी दिशा से आने वाले वाहन व्यवस्था को गड़बड़ाते रहे। प्रशासन को करनी होगी फिर से समीक्षा अटल पथ सर्विस लेन को वन-वे बनाने का उद्देश्य जाम कम करना था, लेकिन पहले दिन ही यह व्यवस्था असरहीन साबित हुई। ऐसे में प्रशासन को इसकी दोबारा समीक्षा कर स्पष्ट निर्देश, तकनीकी तैयारी और ट्रैफिक टीम के साथ समन्वय को मजबूत करना होगा। तभी इस योजना का वास्तविक उद्देश्य पूरा हो सकेगा।
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