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संभल 1978 दंगा- पोते ने दादा के लिए स्मारक मांगा:जिस कुएं में हत्याकर फेंका था शव, उसके सौंदर्यीकरण की मांग, दिल्ली से लौटा

संभल में 1978 के दंगों के दौरान मारे गए व्यापारी रामशरण रस्तोगी के पोते ने न्याय की गुहार लगाई है। पोते ने उस कुएं पर स्मारक बनाने की मांग की है, जहां उनके दादा को तराजू-बाट से बांधकर फेंक दिया गया था। उन्होंने घटना की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की भी मांग की है। यह घटना संभल कोतवाली के एकता पुलिस चौकी क्षेत्र के मोहल्ला महमूद खां सराय स्थित मुख्य बाजार की है। हाल ही में कुएं की खुदाई के बाद, रामशरण रस्तोगी के पोते कपिल रस्तोगी अपनी पत्नी और बेटी के साथ गुरुवार को उसे देखने पहुंचे। दिल्ली में रहने वाले कपिल कुएं को देखकर भावुक हो गए। उन्होंने जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण बिश्नोई से मुलाकात कर 1978 के दंगों में अपने दादा की निर्मम हत्या के मामले में न्याय की अपील की। कपिल ने मांग की कि जिस कुएं में उनके दादा का शव फेंका गया था, वहां उनकी प्रतिमा लगाकर उसे स्मारक बनाया जाए। उन्होंने चौराहे का नाम ‘स्व. रामसरन दास चौराहा’ रखने की भी मांग की। कपिल रस्तोगी ने बताया कि 29 मार्च 1978 को संभल में दंगा भड़का था। उनकी दुकान पुलिस चौकी से मात्र 50 मीटर की दूरी पर थी। दंगाइयों की भीड़ ने उनके दादा रामशरण रस्तोगी को परचून की दुकान से उठाकर उनकी हत्या कर दी। दुकान को लूटकर आग के हवाले कर दिया गया और शव को दुकान के सामने स्थित कुएं में डाल दिया गया। उन्होंने बताया कि तीन दिन बाद शव बरामद हुआ, जिस पर चाकू से गोदने और पैरों पर कुल्हाड़ी के गहरे घाव थे। पीड़ित परिवार के अनुसार, उस समय रामनरेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और केंद्र में मोरारजी देसाई की सरकार थी। इंदिरा गांधी नेता विपक्ष थीं। इंदिरा गांधी ने उस समय उनके घर आकर आर्थिक सहयोग और दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन परिवार को न तो कोई आर्थिक सहायता मिली और न ही कोई कार्रवाई हुई। कुएं का सौंदर्यकरण कराया जाए, उसे पर मेरे दादाजी का स्टेचू बनाया जाए या फिर स्मारक चिन्ह लगाया जाए, जिससे पता चले कि यह स्व. रामशरण दास रस्तोगी स्मारक है इस चौराहे का नाम भी स्व. रामशरण दास रस्तोगी किया जाए। हम संभल से पलायन करके गए हैं उसी तरह से संभल में हमें फिर से बसाया जाए। मोदी-योगी सरकार से हमारी मांग है जहां मेरे दादाजी की लाश बरामद हुई है उस कुएं पर स्मारक बननी चाहिए और हमें संभल में फिर से बसाया जाए।


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