मांगलिक दोष को लेकर भारतीय समाज में कई धारणाएं हैं। आपने अक्सर घर के बड़ों या फिर पंडितों को यह कहते सुना होगा कि अगर किसी जातक की कुंडली में मांगलिक दोष है, तो उस व्यक्ति के जीवन में हमेशा दिक्कतें आती रहती हैं। कई बार तो मांगलिक दोष को शादी टूटने का कारण भी माना जाता है। यही कारण है कि लोग इस योग से डरने लगते हैं और जीवन की सबसे बड़ी बाधा मान लेते हैं। लेकिन क्या सच में मांगलिक होना कोई दोष है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक माना जाता है। जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह किसी विशेष भाव में स्थित होता है, तो जातक में दृढ़ इच्छाशक्ति और अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे जातक अधिक मेहनती, अपने लक्ष्यों को पाने और आत्मनिर्भर होते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि मांगलिक होना कोई दोष नहीं बल्कि एक विशेष योग है। यह योग जातक को साहसी बनाने के साथ मजबूत व्यक्तित्व प्रदान करता है।
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कुंडली में मांगलिक योग
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक किसी भी जातक की जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति उस व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। इनमें से मंगल ग्रह को विशेष रूप से साहस, ऊर्जा, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प का कारक माना जाता है। यह किसी जातक की जन्म कुंडली में के पहले, चौथे, सातवें, आठवें, या फिर 12वें भाव में मंगल ग्रह स्थित होता है, तो इस स्थिति को मांगलिक योग कहा जाता है। अक्सर लोग इसको एक दोष मानते हैं, जबकि यह एक विशेष योग है। जो जातक को असाधारण शक्ति और ऊर्जा प्रदान करता है। मांगलिक योग से प्रभावित व्यक्ति निर्णय लेने में सक्षण, आत्मविश्वासी और लक्ष्य के प्रति समर्पित होते हैं।
मांगलिक होना दोष नहीं शक्ति है
अक्सर लोग मांगलिक होने को एक नकारात्मक पहलू मानते हैं। लोगों को लगता है अगर कोई लड़का या लड़की मांगलिक है, तो उनके विवाह में बाधाएं आने लगती हैं। दरअसल, सच्चाई यह है कि मांगलिक योग होने से जातक में अतिरिक्त ऊर्जा और जोश होता है।
मंगल की स्थिति जातक को मेहनती, कर्मठ और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने वाला बनाती है। ऐसे जातक जीवन के हर क्षेत्र में आगे रहने की कोशिश करते हैं। इन लोगों में आगे बढ़ने की इच्छा प्रबल होती है, जो इन जातकों को हमेशा ऊंचाइयों पर रखती है।
अन्य लोगों की तुलना में मांगलिक लोगों में अधिक आत्मविश्वास होता है। क्योंकि इन जातकों के अंदर मंगल की ऊर्जा निहित होती है। मांगलिक लोग कभी भी चुनौतियों से नहीं घबराते हैं और हमेशा खुद को आगे रखते हैं।
इन जातकों की सोच हमेशा प्रगति करने और अपने सपनों को पूरा करने की होती है। जिसके लिए यह लोग निरंतर प्रयास भी करते रहते हैं। मांगलिक लोग अपने लक्ष्यों को पाने के लिए ज्यादा मेहनत करते हैं और यह लोग कभी भी हार नहीं मानते हैं।
यह धारणा पूरी तरह से गलत है कि मांगलिक होना कोई दोष है। कुंडली में मौजूद गृह-नक्षत्रों की एक ऐसी स्थिति, जो जातक के वर्तमान और भविष्य दोनों पर प्रभाव डालती हैं। लेकिन इसका प्रभाव हमेशा नकारात्मक हो, यह जरूरी नहीं है।
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