प्रयागराज में यातायात माह के दौरान शहर में ट्रैफिक पुलिस ने एक सराहनीय पहल की शुरुआत की है। सड़क पर अक्सर नजरअंदाज किए जाने वाले मूक-बधिर (श्रवण एवं वाक् बाधित) लोगों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने विशेष जागरूकता अभियान चलाया है। सुभाष चौराहे पर आयोजित इस अभियान में बड़ी संख्या में मूक-बधिर लोग और ट्रैफिक पुलिसकर्मी शामिल हुए। अभियान के तहत ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के साथ मूक बधिर लोगों ने सांकेतिक भाषा के साथ बात की जिसमें पुलिसकर्मियों को मूक-बधिर लोगों से संवाद करने के तरीके बताए जा रहे हैं, ताकि वे ट्रैफिक के दौरान सही मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकें। अधिकारियों का कहना है कि यह प्रशिक्षण पुलिस और दिव्यांगजनों के बीच बेहतर संवाद स्थापित करेगा, जो दुर्घटनाओं को रोकने में भी मददगार साबित होगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य मूक-बधिर चालकों को सड़क पर आने वाली चुनौतियों से सुरक्षित रखना और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है। कई बार ट्रैफिक में लोग लगातार हॉर्न बजाते रहते हैं, जबकि मूक-बधिर चालक उसे सुन नहीं पाते। इससे परेशान होकर लोग उनके साथ गलत व्यवहार भी कर बैठते हैं। इसी समस्या को देखते हुए पुलिस ने वाहनों पर एक विशेष रेडियम स्टिकर लगाने की व्यवस्था की है। यह स्टिकर नीले रंग का होता है, जिस पर कान की फोटो के नीचे Driver in Deaf लिखा होता है और साथ में कान का प्रतीक चिन्ह भी बना होता है। इससे अन्य वाहन चालक आसानी से पहचान सकेंगे कि उस वाहन का चालक मूक-बधिर है। ऐसे में वे हॉर्न देने के बजाय दृश्य संकेतों का उपयोग कर सकेंगे और अधिक सावधानी से वाहन चलाएँगे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह पहल न केवल मूक-बधिर लोगों के लिए सहायक साबित होगी, बल्कि आम लोगों में भी संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाएगी। अभियान के दौरान कई मूक-बधिर लोगों ने भी अपनी समस्याएँ साझा कीं और पुलिस द्वारा किए जा रहे इस प्रयास की सराहना की। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि आने वाले समय में और भी चौराहों पर ऐसे प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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