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औरंगाबाद में धान खरीदी में आएगी तेजी:192 समितियों का चयन, 85 को मिला कैश क्रेडिट; उत्पादन के अनुसार लक्ष्य बढ़ाने की मांग

औरंगाबाद जिले में अगले 2-4 दिनों में धान खरीदी कार्य में तेजी आने का अनुमान है। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जिला टास्क फोर्स की बैठक में अधिप्राप्ति के लिए 192 समितियों का चयन कर लिया गया है। इनमें से 182 पैक्स और 10 व्यापार मंडल व्यापार शामिल है। फिलहाल 85 समितियों को ही धान अधिप्राप्ति के लिए कैश क्रेडिट दिया गया है। लेकिन अगले एक से दो दिन में चयनित सभी समितियों को एक-एक लॉट की राशि यानी लगभग 10.5 लाख रुपए खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद धान अधिप्राप्ति कार्य में तेजी आएगी। जिला सहकारिता पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि अभी लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। निर्धारण होने के बाद लक्ष्य के 20% राशि सीसी के रूप में समितियां को धान अधिप्राप्ति के लिए दिया जाएगा। 127.500 मीट्रिक टन धान की हो चुकी है खरीद औरंगाबाद जिले में अब तक 127.500 मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है। अधिकांश समितियों का अभी खाता भी नहीं खुला है। सदर प्रखंड के एक मात्र मंझार पैक्स की ओर से धान खरीद की गई है। जबकि बारुण में धमनी और दुधार पैक्स की ओर से धान की खरीद की गई है। देव में पवई पैक्स ने खरीदारी शुरू की है। हालांकि अधिकांश पैक्सों का खाता नहीं खुला है। धान कटनी के कार्यों में तेजी पिछले कुछ दिनों से जिले में धान कटनी के कार्यों में तेजी आई है। जिले में कई जगहों पर धान काटने के लिए झारखंड से मजदूर मंगवाए गए हैं। पिछले दिनों नवंबर माह में हुई बारिश के कारण खेतों में नमी बनी हुई है। जिसके कारण अभी हार्वेस्टर खेत में नहीं हो पा रहा है और धान की कटाई नहीं हो रही है। खेत सूखने के बाद जब हार्वेस्टर से धान की कटनी शुरू होगी तब धान अधिप्राप्ति में भी तेजी आने की संभावना है। धान के उत्पादन के अनुरूप लक्ष्य बढ़ाने की मांग कोऑपरेटिव अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने बताया कि जिले में धान अधिप्राप्ति को लेकर आ रही सबसे बड़ी बाधा अब समाप्त हो गई है। पिछली बार पैक्स समितियों द्वारा एसएफसी को जमा किए गए चावल का बिल नहीं मिलने के कारण जिले की लगभग 120 पैक्स समितियां डिफॉल्टर घोषित हो गई थी। विभागीय त्रुटि के कारण उत्पन्न इस समस्या के चलते समितियां नए सत्र में अधिप्राप्ति का कार्य शुरू करने में सक्षम नहीं थीं। इस गंभीर मुद्दे को लेकर राज्य के सभी जिला अध्यक्षों की बैठक पटना में आयोजित की गई, जहां विभाग ने आश्वासन दिया कि बकाया बिल शीघ्र भेज दिए जाएंगे। विभागीय प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद शनिवार तक बकाया राशि संबंधित पैक्स के खातों में आने की उम्मीद है। इससे जिले की लगभग 90% समितियां फिर से सक्रिय हो जाएंगी और अधिप्राप्ति कार्य में तेजी आएगी। कृषि विभाग के अनुसार, पिछले वर्ष जिले में 10 लाख मीट्रिक टन धान उत्पादन हुआ था, जबकि इस वर्ष बेहतर फसल के कारण 12 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। पिछले वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 3 लाख 35 हजार मीट्रिक टन था। इस बार उत्पादन वृद्धि को देखते हुए 25% लक्ष्य बढ़ाने की मांग की गई है। उम्मीद है कि इस वर्ष 3.5 लाख मीट्रिक टन या उससे अधिक का लक्ष्य तय किया जाएगा। 22 समितियां डिफाल्टर घोषित, दूसरे पैक्सों से किया जाएगा टैग जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि जिले के 22 समितियां को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। इन समितियों को धान अधिप्राप्ति के लिए चयनित नहीं किया गया है। डिफॉल्टर घोषित किए गए सभी समितियों को नजदीकी पैक्स से टैग किया जाएगा।


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