ललितपुर में एक ऑटो चालक से मारपीट के दस वर्ष पुराने मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम यादवेंद्र सिंह की अदालत ने एक आरोपी को दोषी ठहराया है। अदालत ने आरोपी मुन्ना उर्फ रामेश्वर को सात वर्ष के कठोर कारावास और 50,500 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में दूसरे आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसकी फाइल को सक्षम किशोर न्यायालय में भेजा गया है। यह घटना 5 जून 2015 की रात लगभग 11:30 बजे की है। कोतवाली सदर के मोहल्ला तालाबपुरा निवासी मनीष जैन ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि वह टैक्सी चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उस रात तालाबपुरा कुआं के पास रहने वाले एक किशोर ने उनसे टैक्सी मांगी थी। जब मनीष ने टैक्सी देने से मना किया, तो किशोर ने उन्हें गालियां देना शुरू कर दिया। मनीष जैन द्वारा गालियां देने से मना करने पर किशोर, उसके पिता मुन्ना (जो अब मुन्ना उर्फ रामेश्वर के नाम से दोषी ठहराए गए हैं), उसकी पत्नी और लड़की ने मिलकर मनीष के साथ लाठियों और लोहे की छड़ से मारपीट की। जब मनीष का भाई मनोज बीच-बचाव करने आया, तो आरोपियों ने उसके साथ भी मारपीट की। इस हमले में मनीष के सिर और आंख में गंभीर चोटें आईं, जबकि उनके भाई मनोज के सिर और मुंह पर चोटें लगीं। आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी थी।मोहल्ले वालों के आने के बाद घायल मनीष अपने भाई को जिला अस्पताल ले गए, जहां मनोज की गंभीर हालत को देखते हुए उसे भोपाल रेफर कर दिया गया। कोतवाली पुलिस ने मनीष की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विवेचना की और न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। यह मामला तब से न्यायालय में विचाराधीन था।न्यायालय ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत दलीलों, साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर सुनवाई करते हुए आरोपी मुन्ना उर्फ रामेश्वर को दोषी पाया। अदालत ने उसे सात वर्ष के कठोर कारावास और कुल 50,500 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई। यदि आरोपी अर्थदंड अदा नहीं करता है, तो उसे एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं, नाबालिग आरोपी का मामला किशोर न्यायालय में भेजने का आदेश दिया गया है।
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