जौनपुर के टीचर विपिन यादव का बुधवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। पिता सुरेश यादव ने अपने नौजवान बेटे को मुखाग्नि दी। आंखों में आंसू लिए पिता बार-बार यही कह रहे हैं- जिस बेटे के कंधे पर मुझे जाना था, उसकी चिता को आग लगाकर आया हूं। यह मेरा दुर्भाग्य है। श्मशान से जब सुरेश घर पहुंचे तो 4 साल का पोता उनकी गोद में आकर बैठ गया। पूछने लगा– बाबा…पापा कहां चले गए, कब आएंगे, आप लोग क्यों रो रहे हैं? पोते के मुंह से यह शब्द सुनकर सुरेश यादव का गला भर आया। उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। परिवार के लोगों ने उन्हें संभाला। सुरेश कहने लगे– अब इस बच्चे को कैसे समझाएं, तुम्हारे पापा अब लौट कर कभी नहीं आएंगे। घर का अकेला कमाने वाला चला गया है। बड़ा बेटा था, वही घर संभाल रहा था। बहुत कम छुट्टी पर घर आ पाता था, लेकिन सबका ध्यान रखता था। अब वही हमसे दूर चला गया। पत्नी सीमा के चेहरे पर गम और गुस्सा है। उन्होंने कहा- डीएम झूठ बोल रहे हैं। डीएम कहते हैं कि मेरे पति ने पारिवारिक तनाव के कारण जान दी। जबकि पति ने बताया था- अफसर उन्हें परेशान कर रहे हैं। विपिन की गोंडा में तैनाती थी। वे मतदाता पुनरीक्षण कार्य (SIR) में लगे थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि अफसर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। इसी से परेशान होकर मंगलवार सुबह उन्होंने जहर खा लिया था। विपिन को गोंडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, फिर वहां से लखनऊ KGMU रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पहले जानिए पूरा मामला… जौनपुर के मल्हनी गांव में रहने वाले विपिन यादव गोंडा के जैतपुर माझा स्थित सरकारी स्कूल में असिस्टेंट टीचर थे। विपिन अपनी पत्नी सीमा यादव के साथ जैतपुर माझा में ही किराए के मकान में रहते थे। विपिन परिवार का बड़े बेटे थे। उनके एक 4 साल का बेटा है। पत्नी गोंडा में ही रहती थीं। विपिन का एक छोटा भाई सचिन है। उसकी शादी हो चुकी है। मंगलवार सुबह 7 बजे उन्होंने जहर खाया। विपिन को गोंडा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां से गोंडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। उनके पूरे शरीर में ज़हर फैल चुका था। सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। डॉक्टरों ने हालत में सुधार न होने पर लखनऊ के KGMU रेफर किया। डॉक्टरों ने करीब आधे घंटे तक उन्हें रिवाइव करने की कोशिश की। बाद में डॉक्टरों ने ‘ब्रॉट डेड’ घोषित कर दिया। अब पढ़िए विपिन के पिता का दर्द… सुरेश यादव ने बताया– विपिन की शादी के 6 साल पहले 2019 में बदलापुर की सीमा यादव से हुई थी। मेरे दो बेटे थे। बड़ा बेटा विपिन यादव की एक साल पहले सरकारी नौकरी लगी थी। दूसरा बेटा मुंबई में गाड़ी चलाता है, लेकिन बड़ा बेटा होने के नाते विपिन की घर के प्रति जिम्मेदारी ज्यादा थी। रोज सुबह और शाम को फोन कर हाल चाल लेता था। घर का खर्चा भी उसी की कमाई से चलता था। अधिकारियों के कारण बेटा हमसे दूर चला गया
छुट्टी न मिलने की वजह से ज्यादा नहीं आ पाता था, लेकिन ध्यान सबका देता था। दीपावली पर घर पर आया था। 22 अक्टूबर को यहां से गया, लेकिन एक मनहूस खबर ने हम सबकी जिंदगी बर्बाद कर दी। इन अधिकारियों के चक्कर में मेरा बेटा हमेशा के लिए हमसे दूर हो गया। जिन लोगों के कारण मेरे बेटे की जान गई है, उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होनी चाहिए। पत्नी बोलीं- डीएम झूठ बोल रहे हैं
विपिन की पत्नी सीमा यादव ने बताया– दो से तीन महीने से अधिकारी पति को परेशान कर रहे थे। उन्होंने ऐसा क्या किया था। डीएम झूठ बोल रहे हैं कि पारिवारिक तनाव के कारण उन्होंने सुसाइड किया। उन्होंने मरने से पहले वीडियो में बयान दिया था। गांव वाले आधार कार्ड और फोटो नहीं देते थे
बीएलओ की जिम्मेदारी मिलने के बाद जब वो अपने इलाके के गांव में वो जाते थे, तो गांववालों से कोई सहयोग नहीं मिलता था। कोई आधार कार्ड और फोटो नहीं देता था। अधिकारी दबाव बना रहे कि जल्द काम खत्म करो। नहीं तो सस्पेंड कर देंगे। पुलिस बुलवा कर उठवा लेंगे। इसी वजह से उन्होंने सुसाइड किया। पति की मदद के लिए हमने अपने भाई को बुलाया
अधिकारी इतना दबाव बना रहे थे कि हमने अपने भाई को बुलाया। कहा– प्रेशर ज्यादा है, तुम आकर काम निपटवा दो। वो बोला शाम तक हम जाएंगे, तब तक सुबह उन्होंने जहर खा लिया। घर से खाना खाकर खुश होकर ड्यूटी गए थे। हॉस्पिटल से मेरे पास फोन आया जल्दी से आइए, आपके पति ने जहर खा लिया है। तब हम भाग कर गए। उन्होंने वहां बताया– एसडीएम, बीडीओ और लेखपाल परेशान कर रहे हैं, इसलिए मैंने जहर खा लिया। हमें तो बस अब न्याय चाहिए। डीएम ने कहा- मामला पारिवारिक तनाव से जुड़ा
डीएम प्रियंका निरंजन ने दबाव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा- विपिन के बूथ पर 700 मतदाता थे। 350 गणना प्रपत्र वह भर चुके थे। काम सही ढंग से चल रहा था, कोई दबाव नहीं था। यह मामला पारिवारिक तनाव से जुड़ा है। विपिन यादव को बयान देने के लिए कुछ लोगों ने उकसाया था। पत्नी सीमा यादव की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसकी भी जांच कराई जा रही है। ——————————————- इसी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… गोंडा में सुसाइड करने वाले BLO के पिता फूट-फूटकर रोए: बोले- SDM धमकाते थे SIR में OBC वोटर्स के नाम हटाओ बेटे ने मरने से पहले फोन पर बताया था कि एसडीएम और बीडीओ उसे प्रताड़ित कर रहे हैं। उस पर मतदाता पुनरीक्षण कार्य (SIR) में बैकवर्ड लोगों के नाम काटने और जनरल कैटेगरी के लोगों के नाम जोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था। मना करने पर उसे सस्पेंड करने और गिरफ्तारी कराने की धमकी दी जा रही थी। रात में बेटा फोन पर काफी रो रहा था। मैंने समझाया भी कि परेशान मत हो। सुबह 10 बजे पता चला कि उसने जहर खा लिया। 8 महीनों से उनके बेटे का वेतन रुका हुआ था। वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था’ पढ़ें पूरी खबर
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