आईजीआईएमएस ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। संस्थान के न्यूरो सर्जन डॉक्टरों ने बिहार में पहली बार रीढ़ के अंदर की नस की एंडोस्कोपिक डिस्क सर्जरी सफलतापूर्वक की है। इस सर्जरी से एक मरीज की जान बचाई गई है। सरकारी अस्पतालों में इस तरह की उच्च-तकनीकी सर्जरी पहली बार की गई है, जिसे चिकित्सा जगत में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। सरकारी अस्पताल में एंडोस्कोपिक डिस्क सर्जरी संस्थान के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया, ‘बांका जिले के 27 वर्षीय अंकित कुमार को गंभीर समस्या के साथ आईजीआईएमएस लाया गया था। मरीज को कमर से पैर तक तेज दर्द, नस दबने की शिकायत और चलने में कठिनाई थी। इसके अलावा, उन्हें गले से हाथ तक सुन्नपन और तेज दर्द का भी हो रहा था।’ मरीज की जांच के बाद न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. समरेंद्र कुमार सिंह की देखरेख में एक विशेष टीम बनाई गई। इस टीम ने एंडोस्कोपिक तकनीक का उपयोग कर सफलतापूर्वक सर्जरी की। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति अब पूरी तरह स्थिर बताई जा रही है। सबसे आधुनिक और कम पीड़ादायक तकनीक डॉ. सिंह ने इस तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी वर्तमान में मौजूद सबसे आधुनिक और कम पीड़ादायक तकनीकों में से एक है। इस प्रक्रिया में केवल 8-10 मिलीमीटर का एक छोटा चीरा लगाया जाता है, जो पेंसिल के आकार का होता है। इसके बाद कैमरे और विशेष रूप से पतले उपकरणों का उपयोग करके पूरा ऑपरेशन किया जाता है। इस विधि से मरीज को कम दर्द होता है और उनकी रिकवरी तेजी से होती है। इसके साथ ही अस्पताल में ज्यादा दिनों तक भर्ती रहने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। आयुष्मान भारत कार्ड से फ्री में हुआ इलाज संस्थान ने मरीज का पूरा इलाज आयुष्मान भारत कार्ड योजना के तहत फ्री किया। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. ब्रजेश कुमार, डॉ. आतिफ अनवर, तथा निश्चेतना विभाग से डॉ. आकृति, डॉ. बबलू और डॉ. पल्लवी शामिल थे।
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