अलीगढ़ में भाजपा ने जिले और महानगर पर सियासी समीकरण साफ कर दिए हैं। बुधवार देर रात जारी सूची में पार्टी ने जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष दोनों पदों पर मौजूदा चेहरों को ही दोबारा मौका देकर न सिर्फ अन्य दावेदारों की उम्मीदों पर विराम लगा दिया, बल्कि पंचायत चुनाव से पहले संगठनात्मक स्थिरता का भी संदेश दिया है। जिलाध्यक्ष पद पर एक बार फिर जट्टारी के जिला पंचायत सदस्य कृष्णपाल सिंह लाला को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि महानगर अध्यक्ष की कमान इंजीनियर राजीव शर्मा ही संभालेंगे। 50 से अधिक नेता थे दावेदार कृष्णपाल सिंह लाला और इंजीनियर राजीव शर्मा को पहली बार 16 सितंबर 2023 को अलीगढ़ में जिला और महानगर का अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी ने जिला और महानगर अध्यक्ष पद के लिए 2025 की शुरुआत में ही संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू की थी। इसमें 50 से अधिक नेताओं ने अपनी दावेदारी भी पेश की थी। दो महीने बाद ही लग गया विराम संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया पर अधिक समय तक चल नहीं सकी। जनवरी 2025 में शुरू हुई प्रक्रिया मार्च में अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। तब से दोनों पदों को लेकर सियासी अटकलें तेज थीं। अब प्रदेश नेतृत्व ने 14 जिलों के साथ अलीगढ़ में भी स्थिति स्पष्ट कर दी है। पंचायत चुनाव का सीधा असर जाट नेता के रूप में पहचान रखने वाले कृष्णपाल लाला की वापसी को राजनीतिक हलकों में खास महत्व दिया जा रहा है। वे लगातार दो बार टप्पल ब्लॉक से जिला पंचायत सदस्य चुने गए हैं। पंचायत चुनाव करीब होने के कारण जाट समाज में स्वीकार्यता रखने वाला चेहरा बनाए रखना भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। सांसद सतीश गौतम के करीबी होने का फायदा भी लाला के पक्ष में गया है। शहर में मजबूत पकड़ का मिला लाभ महानगर अध्यक्ष इंजी. राजीव शर्मा आरएसएस पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं और कोल विधानसभा से टिकट के प्रमुख दावेदार भी रह चुके हैं। संगठन में मजबूत पकड़ और शहर में सक्रिय नेटवर्क ने उन्हें दोबारा मौका दिलाया है। भाजपा ने जब दोनों दावेदारों को दरकिनार कर इन्हीं चेहरों पर फिर से भरोसा जताया है। इससे लग रहा है कि पार्टी आगामी पंचायत चुनाव में किसी बड़े प्रयोग के मूड में नहीं है।
https://ift.tt/fQYOU0C
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply