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मां का आटे का पुतला बनाकर दाह संस्कार करेगा बेटा:गोरखपुर में पिता से मांगी माफी; पहले कहा था- घर में शादी…लाश फ्रीजर में रख दो

गोरखपुर में 20 नवंबर को बेटे ने मां का शव लेने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया था, क्योंकि घर में शादी थी। उसने कहा था कि 4 दिन फ्रीजर में लाश रखवा दो। शादी के बाद आकर दाह संस्कार करवा दूंगा। लेकिन, पिता मां का शव अपने गांव जौनपुर ले गए, जहां रिश्तेदारों ने घाट किनारे शव को दफना दिया। इस मामले को लेकर पूरे यूपी में बेटे की काफी बदनामी हुई। समाज में अपमानित होने के बाद बेटों ने नाराज पिता को मनाया और अपने घर लेकर आ गए। 68 साल के पिता भुआल ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए बेटों को माफ कर दिया। वह दुखी मन से कहते हैं- मेरी नाराजगी की सजा मेरी पत्नी को भुगतनी पड़ी। हिंदू घर में जन्म लिया, लेकिन रीति रिवाज से अंतिम संस्कार तक नहीं हो पाया। गांव में रिश्तेदारों ने घाट किनारे शव को दफना दिया। अब 6 दिसंबर को रिश्तेदारों की मौजूदगी में शोभा का आटे का पुतला बनाकर उनका दाह संस्कार किया जाएगा। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पिता बोले- बेटों के अलगाव से परेशान हो चुका
बेटों से नाराज बुजुर्ग भुआल गुप्ता और शोभा देवी गोरखपुर से 200 KM दूर जौनपुर के वृद्धाश्रम में शिफ्ट हो गए। 19 नवंबर की रात शोभा देवी (65) की मौत हो गई। 20 नवंबर को पिता भुआल (68) ने अपने बेटे को कॉल कर मां की मौत के बारे में बताया। बेटे ने कहा कि घर में शादी है, इसलिए अभी अंतिम संस्कार टाल देते हैं। मां की लाश डीप फ्रिजर में रखवा दें। दैनिक भास्कर की टीम भुआल का हाल जानने के लिए उनके घर पहुंची। घर के बाहर बरामदे में रिश्तेदार बैठे दिखे। यहीं हमारी भुआल से मुलाकात हुई। वह कहते हैं- जितनी गलती मेरे बेटों की है, उतनी ही मेरी भी है। मेरी जो उम्र है, उसमें मैं किसी से क्या ही नाराज रहूंगा? परिवार के अलगाव से परेशान हो चुका हूं, अब शांति चाहता हूं…। परिवार में पोते की शादी होने की वजह से हिंदू परंपरा के अनुसार मेरी पत्नी का अंतिम संस्कार नहीं हो सका था। गांव के पंडित से राय ली गई। अब 6 दिसंबर को आटे को गूंथकर पत्नी शोभा देवी का पुतला बनाया जाएगा। फिर उसका दाह संस्कार किया जाएगा। बेटे बोले- पापा को निकाला नहीं, वो खुद चले गए
बरामदे में ही भुआल के बड़े बेटे संजय से मुलाकात हुई। वह कहते हैं- पापा करीब 17 महीने पहले हमसे नाराज होकर चले गए थे। रुपए के लेन-देन के झगड़े की वजह से मानसिक तनाव चल रहा था। उन्हें किसी ने घर से नहीं निकाला था। वह खुद ही कई साल पहले घर और परिवार से अलग हो गए थे। उस वक्त लेन-देन के विवाद में गांव के ही कुछ लोगों ने गलत आरोप लगाए थे। इसके चलते गलतफहमी और बढ़ गई थी। शोभा के पिता ने संपत्ति भुआल के बेटों के नाम की
परिवार के अन्य सदस्यों से बातचीत करने के बाद एक कहानी सामने आई। भुआल और शोभा के 3 बेटे और 3 बेटियां हैं। बेटे संजय, अजय और संदीप गांव के घर में रहते हैं। 3 बेटियों की शादियां हो चुकी है। संजय का गांव में ही किराना स्टोर और मेडिकल शॉप है। भुआल मद्धेशिया मूलरूप से महराजगंज के पनियरा इलाके के गांव नरकटहां के रहने वाले हैं। 20 साल पहले वह पत्नी शोभा के साथ अपनी ससुराल भरोहियां (गोरखपुर) में रहने लगे थे। यहां गांव के दूसरे लोगों के साथ उनका रुपए का लेन-देन था। उधार ज्यादा हो गया, तो शोभा के पिता सीताराम ने अपनी संपत्ति तीनों नाती संजय, अजय और संदीप के नाम कर दी थी। करीब 17 महीने पहले भुआल और शोभा जौनपुर के वृद्धाश्रम चले गए थे। इसी बीच गांव में हुई पंचायत में तय हुआ कि तीनों बेटे माता-पिता के इलाज का खर्च उठाएंगे, जबकि भुआल की उधारी की राशि छोटा बेटा संदीप चुकाएगा। अब वो कहानी पढ़िए, जो गांव के लोगों ने बताई… 2 साल पहले झगड़े बेटे, वजह थी ज्यादा उधारी
करीब 2 साल पहले घर में विवाद बढ़ गया। भुआल के बड़े बेटे संजय ने कहा- आप लोग घर पर बोझ बन गए हो। आए दिन उधार वसूलने वाले आते हैं। आप लोग हमारे साथ नहीं रह सकते। यह सुनकर भुआल अपनी पत्नी शोभा के साथ घर से निकल गए। वह सुसाइड करने राजघाट के पास पहुंचे। यहां एक व्यक्ति ने उन्हें रोक दिया। कहा कि अयोध्या या मथुरा चले जाइए। वहां रहने-खाने का इंतजाम होता रहेगा। भुआल और शोभा पहले अयोध्या पहुंचे। यहां रहने का इंतजाम नहीं हुआ, तो मथुरा पहुंचे। मगर, यहां भी उनके रहने-खाने का इंतजाम नहीं हुआ। यहीं पर भुआल को जौनपुर के वृद्धाश्रम का मोबाइल नंबर मिला। नंबर पर कॉल की, तो जौनपुर विकास समिति वृद्धाश्रम के हेड रवि कुमार चौबे से बात हुई। उन्होंने दोनों को अपने यहां बुला लिया। तब से भुआल और शोभा साथ रह रहे थे। रवि चौबे से बात करने पर शोभा देवी की बीमारी सामने आई। वह कहते हैं- कुछ महीने पहले शोभा देवी के पैर में लकवा मार गया था। वह चल-फिर नहीं पाती थीं। संस्था ने प्राइवेट हॉस्पिटल में दवा कराई, जिससे उन्हें आराम मिला था। पैर में थी सूजन, डॉक्टर बोले- दोनों किडनी फेल हो गईं
रवि चौबे बताते हैं- 19 नवंबर को शोभा देवी की फिर से तबीयत बिगड़ गई। उनके पैर में सूजन आ गई थी। मैंने उन्हें जौनपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां पर देर रात उनकी मौत हो गई। डॉक्टर ने बताया कि शोभा देवी की दोनों किडनी फेल हो गई थीं। गुर्दे में भी इन्फेक्शन हो गया था। पत्नी की मौत के बाद भुआल गुप्ता टूट गए। उन्होंने छोटे बेटे को फोन करवाया। रवि ने उनके छोटे बेटे को फोन किया। कहा कि आपकी माताजी का देहांत हो गया है। डेडबॉडी का अंतिम संस्कार करना है। आपकी मां की इच्छा थी कि उनका गोरखपुर में अंतिम संस्कार किया जाए। इस पर छोटे बेटे ने कहा कि घर में बड़े भइया के बेटे की शादी है। उनसे बात करके बताता हूं। इसके बाद उसने फोन रख दिया। छोटा बेटा बोला- भइया ने कहा है, मां का शव फ्रीजर में रख दो
करीब 10 मिनट बाद भुआल के पास छोटे बेटे का फोन आया। कहा- भइया ने कहा है कि डेडबॉडी को फ्रीजर में रखवा दो। शादी हो जाने के बाद अंतिम संस्कार करवा दिया जाएगा। यह सुनकर भुआल गुप्ता नाराज हो गए। उन्होंने रवि से कहा कि पत्नी का अंतिम संस्कार अब यहीं जौनपुर में करेंगे। गोरखपुर नहीं जाएंगे। इसी बीच उनके पास बेटियों का कॉल पहुंच गया। बेटियों ने कहा कि शव गांव ले आइए। यहीं अंतिम संस्कार करवा दिया जाएगा। इसके बाद भुआल गुप्ता एम्बुलेंस से अपनी पत्नी का शव लेकर गांव पहुंचे। यहां बड़े बेटे ने घर पर लाश लाने से इनकार कर दिया। रिश्तेदारों और गांव के लोगों ने कैंपियरगंज में घाट के पास मिट्‌टी में जबरन शोभा देवी की लाश को दफन करा दिया। भुआल ने बताया कि मेरी पत्नी का मैं अंतिम संस्कार भी नहीं कर सका। मेरे रिश्तेदार और बेटे कहते हैं कि 4 दिन बाद शव को निकालकर अंतिम संस्कार करेंगे। 4 दिन में तो शव को कीड़े खा जाएंगे। आटे का पुतला बनाकर दाह संस्कार होगा
भुआल ने कहा- मैं मेरी पत्नी का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाया। उसे मिट्‌टी में दफना दिया गया। इस दौरान गांव के लोगों ने उन्हें शांत कराया। पंडित से राय ली। पंडित ने बताया कि एक दफनाने के बाद शव को बाहर निकालकर अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता। अब आटे का पुतला बनाकर उसका विधि विधान से दाह संस्कार किया जा सकता है। छोटे बेटे से कॉल करके बातें करते थे दंपती
रवि कुमार चौबे ने बताया- भुआल और उनकी पत्नी कॉल करके कभी-कभी अपने छोटे बेटे से बातचीत करते थे। बड़ा बेटा किराना की दुकान और मेडिकल स्टोर चलाता है। कैंपियरगंज में आलीशान मकान भी है। वह कभी माता-पिता से बातें नहीं करता था। ————————– ये खबर भी पढ़ें – कमला पसंद के मालिक की बहू ने सुसाइड किया, दिल्ली में फंदे पर लटका मिला शव देश के मशहूर पान मसाला कंपनी कमला पसंद और राजश्री के मालिक कमल किशोर की बहू दीप्ति चौरसिया (40) ने दिल्ली में सुसाइड कर लिया। मंगलवार शाम दिल्ली के बसंत विहार में वह अपने घर में फंदे पर लटकी मिली। कमल किशोर मूलरूप से कानपुर के रहने वाले हैं। पढ़िए पूरी खबर…


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