भास्कर न्यूज | छातापुर (सुपौल) प्रखंड सह अंचल परिसर में बुधवार को संविधान दिवस पर संकल्प समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आरडीओ प्रवीण कुमार रजक ने अधिकारियों एवं कर्मियों से संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन कराया तथा संवैधानिक मूल्यों के पालन का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि संविधान देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव है। प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि अजय कुमार सरदार ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे आत्ममंथन और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का अवसर बताया। कार्यक्रम में स्वच्छता समन्वयक संजय कुमार, अंचल नाजिर विनोद कुमार सहित कई कर्मी उपस्थित रहे। समारोह संविधान के प्रति निष्ठा के संकल्प के साथ संपन्न हुआ। भास्कर न्यूज | निर्मली (सुपौल) प्रखंड कृषि कार्यालय के सभागार में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी गोपाल कुमार मंडल की अध्यक्षता में थोक व खुदरा उर्वरक विक्रेताओं की बैठक की गई। बैठक में किसानों को यूरिया व डीएपी उर्वरक सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। पदाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि निर्धारित दर से अधिक मूल्य लेने वालों पर उर्वरक नियंत्रण आदेश व आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। विक्रेताओं को बिल व कैश मेमो निर्धारित मूल्य पर ही निर्गत करने, बिक्री स्थल पर मूल्य सूची प्रदर्शित करने और किसी भी प्रकार की कालाबाजारी, जमाखोरी व ओवररेटिंग से दूर रहने की चेतावनी दी। अनियमितता पाए जाने पर प्रतिष्ठान की जांच कर अनुज्ञप्ति रद्द करने तथा प्रोपराइटर के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया गया। बैठक में बीज व उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। बैठक में प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनोद कुमार, कृषि समन्वयक अजय कुमार अकेला, विश्वनाथ भारती, थोक विक्रेता मनीष कुमार शर्मा, तरुण आदि थे। भास्कर न्यूज | मधेपुरा संयुक्त किसान मोर्चा एवं केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बुधवार को किसानों और मजदूरों ने अनुमंडल कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। बिहार राज्य किसान सभा के जिला सचिव मुकुंद प्रसाद यादव और गणेश मानव के नेतृत्व में आयोजित प्रदर्शन के बाद चार श्रम संहिताओं की प्रतियां जलाई गई। अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव प्रमोद प्रभाकर ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि चार श्रम संहिताओं लागू होने से यूनियन बनाने और हड़ताल के अधिकार पर रोक लग जाएगी तथा कार्य दिवस 12 घंटे का हो जाएगा। आरोप लगाया कि यह संहिताएं पूरी तरह कॉर्पोरेट हितों को साधने वाली और मजदूर विरोधी हैं। कहा कि 29 श्रम कानूनों को खत्म कर चार श्रम संहिताएं लाना मजदूरों को अस्थिर रोजगार की ओर धकेलने जैसा है। देश में गहराते कृषि संकट और बढ़ती बेरोजगारी ने किसानों-मजदूरों का जीना मुश्किल कर दिया है। केंद्र सरकार की संवेदनहीनता के कारण किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद अब भी सुचारू नहीं हो पा रही है। वरीय किसान नेता राजेंद्र प्रसाद यादव, विद्याधर मुखिया, शैलेंद्र सुमन, ललन यादव, दिगंबर झा और रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि किसानों और मजदूरों की उपेक्षा अब किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसान सभा के जिला अध्यक्ष रमन कुमार, जिला सचिव गणेश मानव और मुकुंद यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते बड़ी संख्या में किसान और जवान आत्महत्या को मजबूर हैं। कृषि व्यवस्था चौपट हो चुकी है।
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