भास्कर न्यूज|दरभंगा खाद की किल्लत-कालाबाजारी, बारिश व जलजमाव से क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा, बीज ग्राम योजना की बकाया राशि तथा बटाईदार किसानों को बीज उपलब्ध कराने सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को किसान महासभा ने जिला कृषि पदाधिकारी कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष अभिषेक कुमार व सचिव धर्मेश यादव के नेतृत्व में निकला जुलूस नारेबाजी करते हुए कार्यालय पहुँचा और गेट पर धरना शुरू कर दिया। इसी दौरान कार्यालय से निकल रहे कृषि उपनिदेशक ने प्रदर्शनकारियों को अनदेखा करने की कोशिश की, जिस पर आक्रोशित किसानों ने उनका घेराव कर जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति को देखते हुए जिला कृषि पदाधिकारी और अन्य कर्मियों ने बीच-बचाव किया। नारेबाजी के बीच कृषि उपनिदेशक ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि आंदोलनकारियों से वार्ता कर मांग-पत्र प्राप्त करें और जो भी कार्य उनके स्तर से संभव हों, उन्हें तत्काल उनके संज्ञान में भेजें। जिला कृषि पदाधिकारी के साथ मांग-पत्र पर विस्तृत बातचीत हुई। वार्ता में यह खुलासा हुआ कि दरभंगा जिले में बारिश-जलजमाव से फसल क्षति वाले हनुमाननगर, बहादुरपुर, सदर, केवटी, गौड़ा-बौराम और बिरौल प्रखंडों को सूची से बाहर कर दिया गया है। केवल चार प्रखंडों को ही मुआवजा देने की घोषणा की गई है, जिससे किसानों में गहरा रोष है। जिला कृषि पदाधिकारी ने आश्वस्त किया कि वंचित प्रखंडों का आंकलन जल्द तैयार कर भेजा जाएगा। राज्य सह सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि सरकार और तंत्र किसानों की पीड़ा के प्रति उदासीन है। किसानों ने जलसंकट व विपरीत मौसम में फसल तैयार की, लेकिन बारिश-जलजमाव ने बड़े पैमाने पर धान बर्बाद कर दिया। कई जगहों पर किसानों को पानी में खड़े होकर धान काटना पड़ा और अब खखरी निकल रही है। यदि वास्तविक रिपोर्ट नहीं भेजी गई तो हजारों किसान मुआवजे से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने लालफीताशाही के खिलाफ आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। सभा में धर्मेश यादव, रामविलास मंडल, सूर्यनारायण शर्मा, लखींद्र सदा, कोमल कांत यादव आदि थे।
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