फंड ट्रांसफर और मनी लॉन्ड्रिंग का नया रास्ता
बैंकों में डोरमैंट (निष्क्रिय) खातों से मैनेजर ही पैसा निकाल रहे हैं। ऐसे खातों का केवाईसी फर्जी तरीके से अपडेट किया जा रहा है और लाखों रुपए निकाले जा रहे हैं। भास्कर की पड़ताल में इस स्कैम का खुलासा हुआ है। 18 सितंबर को दरभंगा एयरपोर्ट पर इनकम टैक्स ने रौशन कुमार नाम के एक व्यक्ति के पास से 10 लाख रुपए जब्त किए थे। वह पैसा अघोषित था। इनपुट के आधार पर भास्कर ने पड़ताल की। पता चला कि अघोषित नकदी का यह मामला एसबीआई में चल रहे एक नए तरह के स्कैम से जुड़ा है। इनकम टैक्स ने जो पैसे जब्त किए थे वह मुंबई में एसबीआई के मीरा इंडस्ट्रीयल एस्टेट ब्रांच में पूजा ब्यूटी पार्लर के नाम से एक निष्क्रिय खाते से निकाले गए थे। केवाईसी को फर्जी तरीके से अपडेट कर फर्जीवाड़ा किया गया था। फर्जीवाड़ा : दरभंगा के रौशन के नाम पर किया खाता अपडेट और निकाले 66.38 लाख
एसबीआई के मैनेजर का नया मोडस ऑपरेंडी
18 सितंबर को इनकम टैक्स की टीम ने दरभंगा एयरपोर्ट पर रौशन कुमार नाम के एक व्यक्ति के पास से 10 लाख रुपए जब्त किए थे। रौशन इस नकदी का वैध स्रोत नहीं बता पाया था। पूछने पर पता चला कि वह मुंबई से पैसा लेकर आ रहा है और उसे एसबीआई मीरा इंडस्ट्रीयल एस्टेट ब्रांच के मैनेजर आनंद कुमार गुप्ता ने यह रकम दी थी। आनंद कुमार पटना के रहने वाले हैं और रौशन दरभंगा का निवासी है। इनकम टैक्स की टीम ने मुंबई में आनंद से पूछताछ की तो नए तरह के मोडस ऑपरेंडी का खुलासा हुआ। पता चला कि मैनेजर केवाईसी में गड़बड़ी कर किसी अन्य खाताधारी के निष्क्रिय एकाउंट से लाखों रुपए निकाल रहा था। खाता पूजा ब्यूटी पार्लर का, केवाइसी रौशन का
पड़ताल में पता चला कि बैंकों में वैसे अकाउंट जिसपर कोई लोन हो और एनपीए घोषित कर दिया जाता है, वैसे खातों को टार्गेट किया जाता है। खासकर वैसे खाते जो वर्षों से इनएक्टिव हों। मीरा इन्ड्रस्टियल एस्टेट ब्रांच में पूजा ब्यूटी पार्लर के नाम से खाता वर्षों से इनएक्टिव था। मैनेजर आनंद कुमार को इसकी जानकारी थी। उसने दरभंगा के रहने वाले अपने सहयोगी रौशन का खाता दरभंगा से मुंबई ट्रांसफर कराया। उसके नाम से 30 अगस्त 2025 को पार्लर का केवाइसी अपडेट किया और 66.38 लाख रुपए रौशन के खाते में ट्रांसफर कर दिया। रौशन के मोबाइल फोन और बैंक के रिकार्ड से इसके प्रमाण इनकम टैक्स के हाथ लगे हैं। क्या है डोरमैंट अकाउंट
जब खाता में एक दो साल तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता, तो बैंक उस खाते को डोरमैंट अकाउंट यानी निष्क्रिय खाता घोषित कर देता है। इसे सक्रिय कराना पड़ता है। ताकि पैसा चोरी या गलत इस्तेमाल न हो। सीबीआई कर सकती है जांच
इस मामले की जानकारी आयकर विभाग ने एसबीआई प्रबंधन और सीबीआई से साझा की है। मामले को अब सीबीआई को सौंपने की तैयारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस पैमाने पर यह स्कैम चल रहा है। आशंका है कि इस फर्जीवाड़े का इस्तेमाल मनी लौंड्रिंग में हो सकता है। इन खातों से हो रहा फ्रॉड
निष्क्रिय खातों की जानकारी मैनेजर को होती है। 8-10 वर्षों से निष्क्रिय खातों को टारगेट किया जाता है। ऐसे खाता धारकों के भी पैसे पड़े रहते हैं जिनकी मृत्यु हो जाती है।
https://ift.tt/f26oCYA
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply