जालौन में कोर्ट ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के मामले में युवक को दोषी करार दिया है। न्यायाधीश मोहम्मद कमर की अदालत ने आरोपी को 7 साल के सश्रम कारावास और 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह मामला आटा थाना क्षेत्र के ग्राम पिपराया का है। नाबालिग के पिता ने 14 मई 2023 को आटा थाने में तहरीर दी थी। उन्होंने बताया था कि मृगराज गौतम उर्फ रिप्पू उनकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मृगराज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उसी दिन आरोपी मृगराज गौतम उर्फ रिप्पू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचक ने वैज्ञानिक तरीकों से जांच करते हुए महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए और गवाहों के बयान दर्ज किए। मात्र डेढ़ माह के भीतर, 30 जून 2023 को, आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया। इसके बाद अपर शासकीय अधिवक्ता रणकेंद्र सिंह भदौरिया और विश्वजीत गुर्जर, अभियोजन टीम और कोर्ट पैरोकार ने न्यायालय में लगातार प्रभावी पैरवी की, जिससे मामले में मजबूत कार्यवाही सुनिश्चित हुई। फाइलों से लेकर कोर्ट में तर्कों तक, हर स्तर पर मजबूत कार्यवाही के बाद 26 नवंबर 2025 को पॉक्सो कोर्ट उरई के न्यायाधीश ने आरोपी मृगराज गौतम उर्फ रिप्पू को दोषी पाया। उन्हें 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई।
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