कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर निर्वाचन आयोग पर बुधवार को हमला बोला और आरोप लगाया कि एसआईआर की पूरी तरह दोषपूर्ण प्रक्रिया के जरिये लोकतंत्र को ‘एकतंत्र’ में बदलने का कुटिल प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने संविधान दिवस पर इंदौर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।
सिंह ने शहर के गीता भवन चौराहे पर संविधान निर्माता डॉ. बीआर आम्बेडकर के प्रतिमा स्थल के पास आयोजित सभा में कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया ‘पूरी तरह दोषपूर्ण’ है।
उन्होंने एसआईआर पर निशाना साधते हुए कहा,‘‘भारत के संविधान को लोकतंत्र से एकतंत्र में बदलने का कुटिल प्रयास किया जा रहा है। हमारी मतदाता सूची से छेड़खानी की जा रही है। यह छेड़छाड़ केवल मतदाता सूची तक सीमित नहीं है। आपकी नागरिकता पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है।’’
सिंह ने कहा,‘‘देश में आज लोकतंत्र खतरे में है। हमें निर्णय करना है कि देश में एकतंत्र होना चाहिए या लोकतंत्र?’’
उन्होंने हिटलर और मुसोलिनी जैसे तानाशाहों के उदाहरण देते हुए कहा कि एकतंत्र में केवल एक व्यक्ति का राज चलता है और आम लोगों की कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि देश में 2003 तक जो एसआईआर होता था, उसमें हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में जोड़ने की जिम्मेदारी सरकार और चुनाव आयोग की होती थी, लेकिन एसआईआर की मौजूदा प्रक्रिया के तहत खुद नागरिकों से उनके मतदाता होने के प्रमाण मांगे जा रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में एसआईआर के तहत करीब 65 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची के मसौदे से हटाए जाने पर सवाल उठाए और कहा, क्या ये लोग इस देश के नागरिक नहीं थे?
अक्सर घुसपैठियों की बात की जाती है, लेकिन क्या उन्हें (निर्वाचन आयोग को) बिहार में एक भी घुसपैठिया मिला?
सिंह ने सभा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संविधान बचाने की शपथ दिलाई। इस मौके पर पार्टी के एक अन्य राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा भी मौजूद थे।
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