लखनऊ में किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव करके विरोध प्रदर्शन किया । भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी किया। इस दौरान प्रदर्शन में शामिल कमलेश यादव ने कहा कि किसान आंदोलन के 5 साल पूरे होने पर हम आज फिर से कलेक्ट्रेट पर उतरे हैं और यह बताना चाहते हैं कि किसान कुछ नहीं भूला है । ‘किसान 713 मौत नहीं भूले’ ‘जय जवान-जय किसान , का नारा लगाया। कमलेश ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री , गृहमंत्री और भारत सरकार को यह बताना चाहते हैं कि हम किसान एक थे और हमेशा एक रहेंगे। आप भूल गए होंगे मगर हम कभी नहीं बोलेंगे कि 713 किसान हमारे शहीद हुए। सरकार के द्वारा लिखित में दिया गया था मगर फिर भी झूठ बोला जा रहा है आज तक एक भी मांग पूरी नहीं हुई। यह बेहद शर्मनाक है कि अन्नदाताओं को आज अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को सम्मान और दोगुनी आय सिर्फ कागजो में मिल रहा है। जमीन पर किसान की ना तो आय दोगुनी हुई और ना ही मांग पूरी हो रही है। ‘अधिकारी बन रहे हैं रोड़ा’ कमलेश यादव ने कहा कि किसानों के तमाम मुद्दे हैं जिसको लेकर लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। बिजली , नहर , पशु , LDA , खाद की तमाम समस्याएं हैं। अधिकारी गूंगे बहरे हो गए हैं जो हमारी बातों को नहीं सुनते। अधिकारी ऊपर तक हमारी बात नहीं पहुंचाते अगर पहुंचाते होंगे तो बीच में नेता रुकावट बन जाते हैं इसलिए कोई भी मांग पूरी नहीं हो रही है। कई बार हमने धरना प्रदर्शन किया मुख्यमंत्री को पत्र लिखा मगर कोई भी परिणाम नहीं निकला। ‘महा आंदोलन की चेतावनी’ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार अपने अधिकारियों और मंत्रियों से कहे की आंखें खोले कर किसान की समस्याएं सुने। लखनऊ में 14 गौशालय और 28 कांजी हाउस बने हैं फिर भी गाय और अन्य जानवर मर रहे हैं। भ्रष्टाचार अधिकारी कभी देखने नहीं जाते हैं कि किसान और गाय किस हाल में है। हम लोग बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं अगर जल्द ही हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो सभी किसान सड़कों पर होंगे संयुक्त मोर्चा इस क्रम में अहम रणनीति बना रहा है।
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