अररिया समाहरणालय परिसर स्थित डीआरडीए सभा भवन में बुधवार को संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन अररिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोग शामिल हुए। जिलाधिकारी अनिल कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि हमारी एकता, अखंडता और समानता का मजबूत आधार है। उन्होंने डॉ. भीमराव अम्बेडकर और अन्य संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी पर जोर दिया। ‘संविधान में लिखी हर बात को हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए’ DM ने आगे कहा कि संविधान में लिखी हर बात को हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए। मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों का पालन भी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि घर-परिवार, समाज और देश के प्रति ईमानदारी से कर्तव्य निभाने पर ही सच्चा विकास संभव है। इसके बाद जिलाधिकारी ने सभी उपस्थित लोगों को संविधान की प्रस्तावना पढ़कर शपथ दिलाई। पूरा सभागार “हम भारत के लोग…” की आवाज से गूंज उठा। इस दौरान उपस्थित लोगों के चेहरों पर गर्व और संकल्प साफ दिखाई दे रहा था। प्रशासन के अधिकारी और बड़ी संख्या में आम लोग मौजूद रहे कार्यक्रम में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग सहित जिला प्रशासन के अधिकारी और बड़ी संख्या में आम लोग मौजूद रहे। जिला प्रशासन की ओर से संविधान की छोटी-छोटी प्रतियां भी वितरित की गईं। दीवारों पर मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य और निर्देशक तत्वों से जुड़े पोस्टर लगाए गए थे, जिन्हें लोगों ने ध्यान से पढ़ा। समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। सभी ने एक स्वर में संविधान के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखने और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया। उल्लेखनीय है कि संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1949 में संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। अररिया में यह आयोजन संविधान के प्रति लोगों में जागरूकता और सम्मान बढ़ाने में सफल रहा।
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