उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने बस कंडक्टरों और संबंधित कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। अब ईटीआईएम मशीन (इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन) पहली बार डैमेज या खराब होने पर दोषी कर्मचारी से कोई वसूली नहीं की जाएगी। मशीन की रिप्लेसमेंट का खर्च निगम खुद वहन करेगा। प्रबंध निदेशक प्रभु एन. सिंह ने सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यदि कोई कर्मचारी एक वर्ष के भीतर दोबारा मशीन को फिजिकली डैमेज करता है, तो रिप्लेसमेंट की पूरी लागत उसी कर्मचारी से वसूल की जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि किसी कर्मचारी द्वारा मशीन खो दी जाती है, तो यह उसकी लापरवाही मानी जाएगी और पूरी क्षतिपूर्ति उसी से की जाएगी। पुरानी व्यवस्था में पहली बार पूरी वसूली होती थी एमडी ने बताया कि अभी तक की व्यवस्था में चाहे मशीन इरादतन या गैर-इरादतन खराब हो, पूरी क्षतिपूर्ति कर्मचारी से ही ली जाती थी। क्षेत्रीय अधिकारियों से मिले फीडबैक और ग्राउंड स्थिति को देखते हुए मुख्यालय ने फैसला किया है कि पहली बार मशीन खराब होने पर कर्मचारी पर आर्थिक बोझ नहीं डाला जाएगा। नई व्यवस्था तुरंत प्रभाव से लागू कर दी गई है।
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