भदोही। समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक जाहिद बेग को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उच्च न्यायालय ने विधायक पर दर्ज मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी के मुकदमे की कार्रवाई पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 9 जनवरी को निर्धारित की गई है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने बुधवार को हुई बहस के बाद यह आदेश पारित किया। यह मामला विधायक जाहिद बेग और उनकी पत्नी सीमा बेग के खिलाफ दर्ज किया गया था। ज्ञानपुर के श्रम प्रवर्तन अधिकारी जयप्रकाश सिंह ने 13 सितंबर 2024 को विधायक जाहिद बेग और उनकी पत्नी सीमा बेग के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत बालश्रम, मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। जाहिद बेग के आवास पर लड़की का शव मिला था आरोप था कि 9 सितंबर 2024 को विधायक जाहिद बेग के आवास पर एक बंद कमरे में एक नाबालिग लड़की का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। जांच के दौरान अधिकारियों को यह भी पता चला कि उनके आवास पर एक और नाबालिग लड़की काम कर रही थी, जिसे प्रशासन द्वारा मुक्त कराया गया था। इन्हीं तथ्यों के आधार पर एएचटी भदोही में विधायक जाहिद बेग और उनकी पत्नी सीमा बेग के खिलाफ बंधुआ मजदूरी और मानव तस्करी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। विधायक की ओर से अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी और जीशान मजहर ने पक्ष रखा। कुछ समय पहले, विधायक की पत्नी सीमा बेग पर मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी कराने के आरोप में दर्ज मुकदमे की पूरी कार्रवाई को हाईकोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया था। विधायक जाहिद बेग, उनकी पत्नी सीमा बेग और पुत्र जईम बेग पर नाबालिग नौकरानी को आत्महत्या के लिए उकसाने का भी एक मामला दर्ज है। आत्महत्या के लिए उकसाने के इस मामले में भी हाईकोर्ट ने पहले ही कार्रवाई पर स्थगन का आदेश दिया हुआ है। फिलहाल, विधायक, उनकी पत्नी और पुत्र सभी मामलों में जमानत पर बाहर हैं।
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