झांसी के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। 6 दिन के इलाज में परिवार से 60 हजार रुपए की दवा मंगाई गई और 37 हजार रुपए कैश जमा कराया गया। मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने 1.14 लाख रुपए का बिल बना दिया और बाकी के 77 हजार रुपए की डिमांड करने लगा। जब गरीब परिवार पैसे नहीं दे पाया और 5 घंटे तक लाश नहीं दी। इसकी जानकारी मिलने पर गांव से मौजिज लोग अस्पताल पहुंचे और मालिक से बात की। तब 25 हजार रुपए देने के बाद परिजनों को लाश दी गई। परिवार का कहना है कि इलाज में जमीन बिक गई और मरीज भी नहीं बच पाया। यह सब एंबुलेंस वाले के कारण हुआ है। एक्सीडेंट में घायल होने पर मरीज को ललितपुर से झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। मगर एंबुलेंस चालक मेडिकल कॉलेज न ले जाकर अपने परिचित के हॉस्पिटल में ले गया। जहां 6 दिन में 60 हजार की दवा मंगाई गई और अस्पताल ने 1.14 लाख का बिल बना दिया। मरीज भी नहीं बच सका। अब पूरा मामला विस्तार से पढ़िए बहन के घर जा रहा था युवक मृतक का नाम दिनेश कुशवाहा (27) पुत्र ठल्लू कुशवाहा था। वह ललितपुर के नाराहट गांव का रहने वाला था। मृतक के जीजा रामसिंह ने बताया- मेरे साले हलवाई का काम करते थे। 19 नवंबर को वह बाइक से अपने बहन के घर परौल गांव जा रहे थे। रास्ते में बरौदिया गांव के पास एक किसान ने सड़क पर मिट्टी का ऊंचा ब्रेकर बना रखा था। ब्रेकर की वजह से बाइक का संतुलन बिगड़ गया और साले गिर गए। उनके सिर में गंभीर चोट आई। तब ललितपुर अस्पताल ले गए। वहां से साले दिनेश को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस वाला अपने परिचित के हॉस्पिटल में लाया जीजा ने आगे बताया- साले दिनेश को प्राइवेट एंबुलेंस से झांसी ला रहे थे। तब एंबुलेंस ने प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी। वो झांसी मेडिकल कॉलेज के सामने अपने परिचित के एक प्राइवेट हॉस्पीटल में लेकर आया। यहां पर दिनेश को भर्ती कर लिया। पहले 37 हजार रुपए जमा करा लिए। 6 दिन में लगभग 60 हजार रुपए की दवा मंगा ली। मंगलवार को दिनेश ने दम तोड़ दिया। तब अस्पताल ने 1.14 लाख का बिल बना दिया। बाकी के 77 हजार रुपए मांगने लगे। पैसे नहीं होने पर शव नहीं दिया। 5 से 6 घंटे तक हम लोग हॉस्पिटल में बैठे रहे। जब गांव से मौजिज लोग आए और बातचीत की तो 25 हजार रुपए लेकर शव दिया। इलाज कराने में 50 डिसमिल जमीन बिक गई। अब हमारे पास कुछ नहीं बचा। घर में मातम छाया, पत्नी बेसुध दिनेश की मौत के बाद घर में मातम छाया है। चार भाइयों में दिनेश सबसे छोटा था। उसके छोटे-छोटे दो बेटे हैं। बड़ा बेटा दो साल का है, जबकि छोटा अभी 6 महीने का है। पति की मौत की खबर सुनकर पत्नी मनीषा बेहोश हो गई। परिजनों का भी रो रोकर बुरा हाल है। मेडिकल चौकी प्रभारी अनुज चौधरी ने बताया कि पंचनामा भरकर शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। हादसा ललितपुर में हुआ था। आगे की जांच ललितपुर पुलिस करेगी। हॉस्पिटल के संबंध में परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है।
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