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गोरखपुर आयुष विश्वविद्यालय में बनेगी नई फार्मेसी:500 लोगों को रोजगार, औषधि उत्पादन-हर्बल अनुसंधान को मिलेगा बढ़ावा

गोरखपुर के महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय परिसर में जल्द ही एक आधुनिक और बड़ी फार्मेसी का निर्माण शुरू होने वाला है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के. रामचंद्र रेड्डी ने बताया कि इस परियोजना से लगभग पांच सौ लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। नई फार्मेसी के निर्माण से न केवल औषधि उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि विश्वविद्यालय के शोध और शिक्षा क्षेत्र में भी नई संभावनाएं खुलेंगी। दरअसल, वर्तमान में विश्वविद्यालय के फैकल्टी भवन में फार्मेसी संचालित हो रही है। यहां तैयार औषधियों की ओपीडी में लगातार मांग बढ़ रही है। डॉ. रेड्डी ने बताया कि उत्पादन क्षमता बढ़ाने और मरीजों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर फार्मेसी की आवश्यकता महसूस की गई। यही कारण है कि पंचकर्म कुटिया के पीछे खाली भूभाग का चयन किया गया है। भूमि समतलीकरण- निर्माण की तैयारी
निर्माण स्थल पर वर्षा के समय जलभराव और गड्ढों के कारण असुविधा रहती थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने मिट्टी भराई और समतलीकरण का कार्य शुरू कर दिया है। कुलपति डॉ. के. रामचंद्र रेड्डी ने मंगलवार को मौके पर जाकर निर्माण कार्य और भूमि सुधार की स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भवन निर्माण में गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। पर्यावरण- हर्बल गतिविधियों को बढ़ावा
समतल किए गए भूभाग के किनारे विशेष प्रकार की घास और औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इससे पंचकर्म कुटिया में आने वाले लोगों को प्राकृतिक, शांत और आरामदायक वातावरण मिलेगा। खाली पड़े मैदान में औषधीय पौधों का रोपण विश्वविद्यालय की हर्बल अनुसंधान गतिविधियों को मजबूती देगा। कुलपति के अनुसार, यह कदम न केवल परिसर की सुंदरता बढ़ाएगा बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं को सीखने और अभ्यास करने के लिए प्राकृतिक वातावरण भी प्रदान करेगा। निर्माण स्थल का निरीक्षण- आगे की योजना
कुलपति ने निर्देश दिए कि नई फार्मेसी में आधुनिक उपकरण और तकनीक का प्रयोग किया जाए, ताकि उत्पादन क्षमता अधिक हो और गुणवत्ता सुनिश्चित रहे। निरीक्षण के दौरान कुलपति के निजी सचिव शिवांगपति त्रिपाठी, विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। उन्होंने निर्माण स्थल पर चल रहे समतलीकरण और मिट्टी भराई के काम की समीक्षा की। भविष्य में रोजगार और शिक्षा के अवसर
नई फार्मेसी के निर्माण से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, यह केंद्र विश्वविद्यालय के छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण और अनुसंधान का भी महत्वपूर्ण स्थल बनेगा। डॉ. रेड्डी ने बताया कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद विश्वविद्यालय की औषधि निर्माण और हर्बल अनुसंधान गतिविधियों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने की संभावना है।


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