देवरिया पुलिस को साइबर अपराधों पर नियंत्रण और पीड़ितों को राहत दिलाने में बड़ी सफलता मिली है। जिले की साइबर क्राइम टीम ने ऑनलाइन ठगी के एक मामले में कार्रवाई करते हुए पीड़ित के 30 लाख रुपये वापस कराए हैं। यह धनराशि मिनरल वाटर की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर की गई धोखाधड़ी में ठगी गई थी। सरौली थाना क्षेत्र के बस पर बैठा गांव निवासी ज्ञानचंद यादव को जालसाजों ने मिनरल वाटर की फ्रेंचाइजी देने का झांसा दिया था। ऑनलाइन माध्यम से उन्हें लुभाकर कुल 30 लाख रुपये की ठगी की गई। जालसाजों ने विभिन्न तरीकों से यह रकम हड़प ली थी। ज्ञानचंद यादव की शिकायत मिलने पर साइबर क्राइम टीम ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। टीम ने संबंधित बैंकों, भुगतान माध्यमों और तकनीकी प्लेटफॉर्म्स से समन्वय स्थापित किया। लगातार प्रयासों के बाद, देवरिया साइबर क्राइम पुलिस ने बुधवार, 26 नवंबर को ठगी गई पूरी रकम वापस दिलाने में सफलता प्राप्त की। यह धनराशि नियमानुसार पीड़ित के बैंक खाते में वापस ट्रांसफर कर दी गई है। रकम वापस मिलने के बाद पीड़ित ज्ञानचंद यादव ने पुलिस टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। देवरिया पुलिस ने इस अवसर पर आम जनता से साइबर अपराधों से सतर्क रहने की अपील की है। पुलिस ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति अपने बैंक खाते से संबंधित ओटीपी, पासवर्ड, पिन या सीवीवी जैसी गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा न करें। साथ ही, किसी भी प्रकार के लुभावने ऑफर, संदिग्ध लिंक या अज्ञात एप्लीकेशन के जरिए भुगतान करने से बचें। पुलिस ने यह भी बताया कि साइबर अपराध होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस ने नागरिकों से स्वयं जागरूक रहने और दूसरों को भी जागरूक करने का अनुरोध किया है, ताकि कोई भी ऑनलाइन ठगी का शिकार न हो।
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