दिल्ली बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन के 5 साल पूरे होने पर बुधवार को शामली कलेक्ट्रेट पर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में सरकार को किसान आंदोलन के दौरान किए गए अधूरे वायदे याद दिलाए गए। साथ ही, स्थानीय किसानों की समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया गया। वरिष्ठ किसान नेता कपिल खटियान ने बताया कि दिल्ली में हुए किसान आंदोलन को, जिसमें देशभर के किसानों ने हिस्सा लिया था और दिल्ली की सीमाओं को घेरा था, आज पांच साल पूरे हो गए हैं। किसान संगठन हर साल 26 नवंबर को धरना प्रदर्शन कर उन मांगों को दोहराते हैं, जिन्हें सरकार ने वादे करने के बावजूद पूरा नहीं किया है। कपिल खटियान ने बताया कि सरकार ने किसान आंदोलन से जुड़े किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन यह वादा भी अधूरा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक समिति का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट भी अब तक नहीं आई है। किसान नेताओं ने सरकार से अपने सभी वादों को पूरा करने की मांग की। धरना प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन ने जनपद स्तरीय किसानों के मुद्दों को भी उठाया। इनमें गन्ने का बकाया भुगतान, नेशनल हाईवे से संबंधित समस्याएं, अंडरपास के कारण हो रही दिक्कतें और भैंसानी के पास सर्विस रोड की मांग शामिल है। किसानों ने बताया कि इन सभी शिकायतों के संबंध में जनपद स्तरीय अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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