देवरिया में सदर विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी और एक पुलिस दरोगा के बीच बातचीत का वीडियो सामने आया है है। विधायक ने फोन पर दरोगा को आचरण, व्यवहार और जिम्मेदारियों को लेकर कड़ी नसीहत दी। यह मामला तब सामने आया जब भाजपा के एक मंडल अध्यक्ष ने दरोगा पर शिकायत के बावजूद खराब रवैया अपनाने का आरोप लगाया। सूत्रों के मुताबिक, मंडल अध्यक्ष ने किसी स्थानीय मामले में जानकारी और सहायता के लिए दरोगा को फोन किया था। आरोप है कि दरोगा ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद मंडल अध्यक्ष ने इस घटना की जानकारी सदर विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी को दी। शिकायत सुनने के बाद विधायक त्रिपाठी ने तत्काल दरोगा को फोन किया और कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जनता और जनप्रतिनिधियों से शालीनता से बात करना पुलिस की जिम्मेदारी है। उन्होंने पुलिसकर्मी को उनके आचरण, व्यवहार और जिम्मेदारियों के प्रति सचेत किया। वीडियो में विधायक दरोगा से कहते सुने जा रहे हैं कि किसी भी मामले में नियमों के अनुरूप कार्रवाई करना पुलिस का दायित्व है। बिना जांच किए किसी को फटकारना या गलत व्यवहार करना पूरी तरह अनुचित है। विधायक ने स्पष्ट किया कि भाजपा कार्यकर्ता हों या सामान्य नागरिक, किसी से भी असम्मानजनक भाषा में बात करना स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने दरोगा को सलाह दी कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ जनता के प्रति संवेदनशीलता भी पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए। सूत्रों के अनुसार, विधायक इस पूरे प्रकरण को लेकर काफी नाराज़ थे और उन्होंने पुलिसकर्मी को भविष्य में अपने आचरण में सुधार लाने की नसीहत दी। वीडियो वायरल होने के बाद आम जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच इस घटना को लेकर चर्चा तेज है। इस मामले में पुलिस विभाग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, घटना के सामने आने के बाद विभागीय समीक्षा की संभावना जताई जा रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि जनप्रतिनिधियों और जनता से उचित व्यवहार न करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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