गाजीपुर जिले में पिछले दिनों हुई भारी बारिश का असर अब भी दिख रहा है। कई गांवों में धान की फसल 20-25 दिनों से पानी में डूबी हुई है। सर्वे टीम के न पहुंचने से किसानों में भारी नाराजगी है और वे आर्थिक नुकसान की आशंका जता रहे हैं। जलभराव के कारण किसान अपनी डूबी हुई फसल को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सकरताली गांव के किसान अमरनाथ पासवान ने बताया कि वे खेतों में अस्थायी मचान बनाकर धान को पानी से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि कुछ हिस्सा बचाया जा सके। अमरनाथ पासवान ने शासन-प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बारिश से हुए नुकसान के आकलन के लिए शासन स्तर पर सर्वे टीम गठित की गई है, लेकिन उनके गांव में अब तक कोई टीम नहीं पहुंची है। इससे किसानों को मुआवजे की उम्मीद कम लग रही है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द सर्वे नहीं हुआ, तो लगातार पानी में डूबी फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी। इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा, जिसकी भरपाई मुश्किल होगी। स्थानीय किसानों ने प्रशासन से तत्काल सर्वे कराने और प्रभावितों के लिए मुआवजे की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।
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