अयोध्या के चर्चित राजकुमार हत्याकांड में आरोपी आशुतोष को राहत नहीं मिली है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सुरेंद्र मोहन सहाय की अदालत ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। अदालत ने मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, चोटों की गंभीरता और मामले की परिस्थितियों को देखते हुए यह फैसला सुनाया। घटना रौनाही थाना क्षेत्र के बड़ागांव की है। अभियोजन पक्ष के अनुसार खण्डासा थाना क्षेत्र के कोटिया गांव निवासी राजकुमार बीते 2 मार्च को सारंगापुर में एक निमंत्रण कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। उन्होंने अपनी पत्नी मिथिलेश को फोन पर बताया था कि उनके साथ गांव के ही आशुतोष, रवि, रामसागर और कपिल देव भी मौजूद हैं। अगले दिन 3 मार्च की सुबह मिथिलेश को सूचना मिली कि राजकुमार का शव बड़ागांव मोड़ के पास खून से लथपथ हालत में पड़ा है। जानकारी मिलने के बाद परिवार के सदस्य भी मौके पर पहुंच गए थे। मृतक राजकुमार के शव को खून से लथपथ देखने के बाद रौनाही थाने में हत्या का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने मृतक की पत्नी की तहरीर के आधार पर 6 मार्च को सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजकुमार के सिर पर गंभीर चोटें पाई गई थीं, जो मृत्यु का कारण बनीं। आरोपी आशुतोष की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि पार्टीबंदी के कारण उनके मुवक्किल को झूठा फंसाया गया है और उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। हालांकि अदालत ने पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों व घटना की गंभीरता को देखते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया। अदालत का यह आदेश पीड़ित परिवार के लिए राहत भरा माना जा रहा है।
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