ईको और एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए आगरा से इटावा के बीच 207 KM लंबा साइकिल हाईवे पूरी तरह से खत्म हो चुका है। 9 साल में इसके निशान तक मिट चुके हैं। 133 करोड़ की लागत से बने साइकिल हाईवे की याद दिलाने के लिए आगरा में सिर्फ एक माइल स्टोन रह गया है।
साइकिल हाईवे तत्कालीन CM अखिलेश यादव की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी। इसका नाम बाइसकिल हाईवे दिया गया। आगरा से इटावा के बीच इस ट्रैक पर चलने के दौरान होलीपुरा की हवेलियां, बटेश्वर के मंदिर व घाट, शौरीपुर, नौगवां का किला देख सकते हैं। चंबल की घाटी का भी प्राकृतिक नाजरे का लुत्फ लिया जा सकता था। पर्यटन में रोमांच के साथ सेहत को ध्यान में रखते हुए बने इस साइकिल हाईवे का 26 नवंबर 2016 को शुभारंभ हुआ था। आज इसे पूरे 9 साल हो चुके हैं। इस बीच 133 करोड़ रुपये की रकम ठिकाने लग गई। ये रकम न तो लोगों की सेहत सुधारने के काम आ पाई और न ही पर्यटन को बढ़ाने में इसका प्रयोग हो सका। मरम्मत के लिए नहीं मिला बजट
ताजमहल के पास से शुरू होकर यह साइकिल ट्रैक इटावा की लायन सफारी तक जाता था। भाजपा सरकार में इसके संरक्षण के लिए एक बार भी बजट जारी नहीं किया गया। जबकि जिस सड़क किनारे यह बना, वह कई बार बन गई। ऐसे में ये साइकिल ट्रैक कहीं सड़क के नीचे दब गया है तो कहीं अतिक्रमण से घिर गया। आगरा जिले में तो ये कहीं दिखाई ही नहीं दे रहा। अब ये है स्थिति धांधुपुरा के आसपास इस पर दर्जनों अतिक्रमण हो गए हैं। ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली ईंटों के चट्टे लगा दिए हैं। जगह-जगह बालू और गिट्टी के ढेर लगे हुए हैं। कई ग्रामीणों ने अपने पशुओं के बांधने का स्थान बना दिया है। कुछ लोगों ने गोबर के ढेर लगा दिए हैं। साइकिल ट्रैक के किनारे रहने वाले ग्रामीण इसे व्यक्तिगत प्रयोग में ले रहे हैं। अब साइकिल ट्रैक ढूंढने से भी नहीं दिखाई दे रहा। क्या था उद्देश्य रोमांच प्रेमी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बाईसकिल हाईवे विकसित किया गया था। इसका उद्देश्य था कि पर्यटक ताजमहल का दीदार करने के बाद साइकिल से चंबल के बेहड़ के नजारे देखते हुए इटावा स्थित लायन सफारी तक पहुंचे। रास्ते में ग्रामीण परिवेश को देख सके। मगर, सपा सरकार जाने के बाद इस ट्रैक की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
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