‘10 महीने पहले, 2 महीने पहले, आप मुझे नहीं खोज रहे थे, अब खोज रहे हैं ना।’ इतना कहकर भोजपुरी सिंगर टुनटुन यादव चंद पलों के लिए खामोश होते हैं। उनकी बातों में तंज भी है और गर्व भी। यह वही टुनटुन हैं, जिनके गाना ‘मारब सिक्सर के 6 गोली छाती में..’ की चर्चा चुनाव के दौरान खूब हुई। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में इस गाने का जिक्र किया। उन्होंने कट्टा, रंगदारी जैसे शब्दों वाले कई और गानों को राजद के जंगलराज की याद लाने के लिए इस्तेमाल किया। चुनाव परिणाम में इसका असर दिखा। NDA ने 243 में से 202 सीटें जीत ली। राजद को सिर्फ 25 सीटें मिलीं। चुनाव में हुई शर्मनाक हार के बाद राजद ने माना है कि भोजपुरी- मगही गायकों के गानों से भारी नुकसान हुआ। इसके चलते पार्टी ने 32 गायकों को नोटिस भेजा है। भास्कर ने टुनटुन यादव से खास बातचीत की। हमने जानना चाहा कि क्यों ऐसे गाने बनाए जा रहे हैं। राजद की कार्रवाई पर गायक का क्या कहना है। भोजपुरी गायक टुनटुन यादव से खास बातचीत सवाल- क्या भोजपुरी गायकों की वजह से राजद का वोट प्रभावित हुआ? क्या आपको भी पार्टी ने नोटिस भेजा है? जवाब – नहीं, मुझे अभी तक नोटिस नहीं मिला है। मैंने पार्टी से परमिशन लेकर गाना नहीं गाया। हम तो मनोरंजन के लिए गाना गाते हैं। रंगदार पर गाना गाते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि हम रंगदारी कर रहे हैं या उसको बढ़ावा दे रहे हैं। सवाल- पीएम नरेंद्र मोदी ने आपके गाने का जिक्र किया तो मामला बिगड़ गया? जवाब- मोदी जी के साथ घूमने वाले भोजपुरी के सुपर स्टार ने भी बहुत सारे गाने गाए हैं। कैसे-कैसे गाए हैं, सभी जानते हैं। जातिवाद था और रहेगा। यह हर इंसान की पहचान है। सवाल- गानों में गोली, कट्टा, छाती की बात होती है तो लगता है कि जातीय दबंगता की बात हो रही है। यह साफ लगता है कि किसी जाति का आदमी दूसरी जाति के लोगों को डराने की कोशिश कर रहा है? जवाब- हम ऐसा सोच कर नहीं गाते। मेरे गाने में गोली, कट्टा आदि नहीं है। सब का अपना-अपना जीवन है। कट्टा, पिस्टल तो बन रहे हैं। यह सच्चाई है। सरकार जानती है। मोबाइल के बारे में लोग कहते हैं कि बच्चे, युवा बिगड़ रहे हैं, लेकिन मोबाइल के कितने फायदे हैं यह तो देखिए। इस सब के बावजूद आरजेडी या सरकार कहेगी कि ऐसे गानों को हटा लीजिए तो हटा लेंगे। सवाल- आरजेडी का कहना है कि बीजेपी वालों ने साजिश के तहत ऐसे गाने गवाए? जवाब- हम आरजेडी को वोट देते आए हैं। हमारे पास सर्टिफिकेट नहीं है कि पार्टी से जुड़े हैं। सवाल- आपको इसका दुख है कि गानों की वजह से आरजेडी का वोट प्रभावित हो गया? जवाब- गानों की वजह से ऐसा नहीं हुआ। जिन लोगों ने राजद को वोट नहीं दिया वे लोग ऐसा बोल रहे हैं। तेजस्वी यादव या लालू यादव ने जिन लोगों को टिकट नहीं दिया, वे ऐसा कह रहे हैं। चुनाव में तो किसी की हार और किसी की जीत होती ही है। किस तरह से वोट आया और जीत हुई, यह तो लोग देख रहे हैं। गानों की वजह से वोट प्रभावित नहीं हुआ है। सवाल- आरजेडी तो कह सकती है कि बिना हमारी अनुमति के पार्टी के झंडे और लालू यादव व तेजस्वी यादव की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता? जवाब- पहले ऐसा नहीं था, हम 5-6 साल से गा रहे हैं। आगे आरजेडी नेता जैसा कहेंगे, किया जाएगा। 2020 के चुनाव में तो मैंने गाना नहीं गाया था, फिर क्यों राजद की हार हुई। आरजेडी के दुश्मन चाहते हैं कि जैसे राजद को 5 साल पीछे कर दिया गया, उसी तरह गायकों को भी 5 साल पीछे कर दिया जाए। सवाल- क्या कलाकार भी बंटे हुए हैं कि हम आरजेडी के लिए गाएंगे, हम बीजेपी के लिए गाएंगे।? जवाब- जैसे विधायक बंटे हुए हैं, उसी तरह कलाकार भी विभाजित हैं। मैं तो पार्टी के लिए गाता हूं। मेरा गाना हिट हुआ था- जानुआ हमार आरजेडी लवर…। सवाल- क्या आप भाजपा के लिए कभी गाएंगे? जवाब- अभी तक तो हम आरजेडी या महागठबंधन के लिए ही गाना गाए हैं। सवाल- किसी जाति को ऊंचा दिखाने की क्या जरूरत है, आपके गानों में अहिरान और भूमिहार खूब होता है? जवाब- हमारे अहिरान गाना गाने से दूसरी जाति के लोग अहिर (यादव) नहीं न बन जाएंगे। जाति तो हमारी पहचान है। सवाल- पहचान तो सकारात्मक चीजों से होनी चाहिए। गोली, कट्टा, दुनाली, किसी जाति की पहचान क्यों होनी चाहिए? जवाब- पहचान सिर्फ पढ़े-लिखे का होना चाहिए बाकी किसी की नहीं होनी चाहिए क्या? आप कितना भी सोच लीजिए कि सब को पॉजिटिव बना देना है, लेकिन ऐसा हो पाएगा क्या? सवाल- नेगेटिव गाने जल्दी हिट होते हैं क्या? जवाब- ऐसा नहीं है, लेकिन न्यूज वाले भी मसाला डालते हैं। सवाल- फिल्मों को जैसे मसाला चाहिए वैसी ही आपलोगों को भी गाने के लिए मसाला चाहिए क्या? जवाब- चुनाव के समय आचार संहिता लागू रहती है, लेकिन नेता कहते हैं कि 10 हजार रुपए अकाउंट में भेज रहे हैं। वह क्या है? हर फिल्ड में ये सब है। सबके अपने खेल हैं। सवाल- चुनाव में पहले ऐसे सवाल नहीं उठे, इस बार गानों से निकले शब्द गोली, कट्टा, दुनाली सामने आए। यह कितना सही है? जवाब- हर समय आदमी एक ही चीज नहीं सोचता। आपको नीचा दिखाना है तो कुछ वैसी चीजें खोजकर ले आई जाती हैं। जरूरी नहीं है कि जितना हम पढ़े लिखे हैं मेरा बेटा भी उतना ही पढ़ा लिखा होगा। दस माह पहले, दो माह पहले आप मुझे नहीं खोज रहे थे, अब खोज रहे हैं ना! सवाल- आपलोग को लग रहा है कि हमलोग सफल हो गए, गानों पर बात हो रही है, पीएम भी चर्चा करते दिखे, लोग भी सवाल कर रहे हैं? जवाब- नहीं ऐसा नहीं, हम कलाकार हैं। हम अपना धंधा नहीं बदल लेंगे, गाना ही गाएंगे। चुनाव में जनता जिसको भी वोट दे, लेकिन जीतने के बाद सरकार उस आदमी की भी होती है जिसने वोट नहीं दिया था। पीएम मोदी सब के प्रधानमंत्री हैं। सवाल- पीएम तो बोल कर गए कि आरजेडी की सरकार लाएंगे तो गोली, कट्टा, दुनाली आ जाएगा? जवाब- उनकी बातों को हम नहीं काट सकते। कट्टा, गोली, दुनाली न तो किसी पार्टी से बनी है न किसी जाति से। मोदी जी ने बात कही और लोगों ने उनकी बातों को सुना। पार्टी कहे तो गाने डिलीट कर दूंगा पार्टी (राजद) के विरोध में हमने आज तक गाना नहीं गाया है। अगर हमारी पार्टी हम पर आरोप लगा रही है तो मैं उसे स्वीकार करूंगा। मैं खुद में सुधार लाऊंगा। हमारा गाना डिलीट करना होगा तो करूंगा। गाना नहीं गाना होगा तो नहीं गाऊंगा। गांधी लाल यादव बोले- मैंने गाने में नहीं लिया राजद का नाम चुनाव के दौरान गायक गांधी लाल यादव के गाने ‘भईया के आवे दे सत्ता, कट्टा सटाके उठा लेबउ घरवा से रे…’ की भी चर्चा हुई। पीएम ने इसे राजद की सरकार बनने पर घर से उठा लेने के धमकी के रूप में पेश किया। इसपर गांधी लाल यादव ने कहा, ‘मैंने इस गाने में कहां राजद, तेजस्वी यादव और लालू यादव का नाम लिया है? इसमें राजद का नाम है ही नहीं तो फिर उसे बदनाम क्यों किया गया। मैं यादव हूं, इसलिए प्रधानमंत्री ने मेरे गाने का जिक्र किया। मैंने गाने में कहां राजद का झंडा या लालटेन लगाया है? गाना मनोरंजन के लिए होता है।’ प्रधानमंत्री ने छर्रा वाला कहकर किया बिहारियों का अपमान आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि पीएम ने जिस तरह से ऐसे गानों को पेश किया, उससे बिहार और बिहार के लोगों का अपमान हुआ। बिहारियों को छर्रा वाला, पिस्टल वाला, कनपट्टी वाला कहा गया। यह ठीक नहीं। चुनाव जीतने के लिए शब्दों की मर्यादा तोड़ी गई। माहौल बनाया गया। उन्होंने कहा, ‘भोजपुरी-मगही गायकों के मामलों में जब नोटिस भेजने की बात आई तो सबसे अधिक मिर्ची बीजेपी और जेडीयू को लग रही है। ये रिश्ता कुछ कहलाता है। इस रिश्ते का मतलब क्या है?’ नोटिस देकर आरजेडी क्या करना चाहती है? इस सवाल के जवाब में एजाज अहमद ने कहा, ‘नोटिस देकर उन लोगों को बेनकाब करना है, जो नरेटिव सेट कर रहे हैं। माहौल खराब कर रहे हैं। राजनीति में प्रदूषण फैला रहे हैं।’ आप मनोज तिवारी, रवि किशन या निरहुआ को क्यों नोटिस नहीं भेजते? इस सवाल पर एजाज बोले, ‘भाजपा को इन्हें नोटिस भेजना चाहिए। पीएम ने जिन गानों का जिक्र किया उनका आरजेडी से कोई संबंध नहीं है।’
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