यूपी के फतेहपुर में शादी से एक दिन पहले लेखपाल ने सुसाइड कर लिया। 26 नवंबर को बारात जानी थी। 24 नवंबर को ही घर में शादी की रस्में हल्दी-मेहंदी शुरू हो चुकी थीं। इसके चलते लेखपाल सुधीर कुमार कोरी सोमवार को ड्यूटी पर नहीं गए थे। परिवार के मुताबिक, मंगलवार सुबह कानूनगो घर आए और लेखपाल को डांटने लगे। इसके बाद सुधीर कमरे में गए और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। बहन ने आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। काफी देर तक आवाज नहीं आई, तो परिवार वालों ने दरवाजा तोड़ा। अंदर देखा तो सुधीर फंदे से लटके थे। बेटे की लाश देखकर मां बेहोश हो गई। जैसे-तैसे रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला। लेखपाल के सुसाइड की खबर मिलते ही उनके साथी घर पहुंच गए। इसके बाद लेखपाल संघ ने सुधीर के घर के बाहर धरना शुरू कर दिया। लेखपाल संघ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मां पर अड़ा है। पिछले 9 घंटे से ज्यादा समय से शव घर के अंदर ही रखा है। उधर, सुधीर की मौत की खबर सुनकर उनकी मंगेतर भी पिता के साथ पहुंच गई। लाश देखकर वह चीख पड़ी। कहा कि सुबह ही उन्होंने गुड मॉर्निंग का मैसेज किया था। वहीं, लड़की के पिता होटल बुकिंग का पेपर दिखाकर फफक पड़े। सुधीर खजुहा ब्लॉक के सुल्तानगढ़ में लेखपाल के पद पर तैनात थे। उनकी चुनाव आयोग के SIR अभियान में भी ड्यूटी लगी थी। उन्हें जहानाबाद विधानसभा का सुपरवाइजर बनाया गया था। 2 साल पहले नौकरी, 6 महीने पहले तय हुई शादी सुधीर परिवार के साथ बिंदकी कोतवाली के खजुहा कस्बे में रहते थे। घर में मां रामकुमारी, भाई जंगबहादुर, भाभी और बहन रोशनी रहती हैं। पिता की मौत हो चुकी है। भाई-बहन की शादी हो चुकी है। 2 दिन पहले ही बहन रोशनी और भाई शादी के लिए गांव आ गए थे। रिश्तेदारों ने बताया- सुधीर 2 साल पहले लेखपाल बने थे। 6 महीने पहले उनकी शादी पास के गांव सीतापुर में रहने वाले रघुनंदन की बेटी काजल से तय हुई थी। 8 जून, 2025 को जहानाबाद के पटेल गेस्ट हाउस में इंगेजमेंट हुई थी। 26 नवंबर को घर से 4 किलोमीटर दूर सीतापुर में बारात जाने वाली थी। लेकिन, एक दिन पहले ही सुधीर अपने कमरे में फंदे से लटक गए। बहन बोली- कानूनगो की डांट के बाद भाई ने जान दी बहन रोशनी ने बताया- सुधीर कह रहा था कि उसे कानूनगो शिवराम छुट्टी नहीं दे रहे हैं। शादी के कार्यक्रमों के चलते वह सोमवार को काम पर नहीं गया था। इससे नाराज होकर कानूनगो ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। मेरे भाई ने छुट्टी की एप्लिकेशन भी दी थी। सोमवार शाम को घर में खुशी का माहौल था। सभी ने खाना खाया, फिर सो गए। आज सुबह 6 बजे कानूनगो शिवराम हमारे घर आए। उन्होंने भाई को बुलाया, फिर हड़काने लगे। कहने लगे कि तुम काम नहीं करोगे, तो कौन करेगा। भाई को फटकार कर शिवराम वापस चले गए। इसके बाद भाई अपने कमरे में गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। थोड़ी देर तक जब भाई बाहर नहीं आया, तो हमें शक हुआ। हमने शोर मचाकर घरवालों को बुलाया। दरवाजा तोड़ा तो भाई फंदे से लटक रहा था। कानूनगो शिवराम न हमारे घर आता, न ही हमारे भाई की जान जाती। छुट्टी नहीं मिलने की वजह से भाई परेशान था। डांट सुनने के बाद उसने अपनी जान दे दी। जब तक कानूनगो पर कार्रवाई नहीं होती और हमें न्याय नहीं मिलता, हम शव नहीं उठने देंगे। मंगेतर रोते हुए बोली- छुट्टी नहीं मिल रही थी मौत की खबर सुनकर सुधीर की मंगेतर काजल मौके पर पहुंच गई। उसने रोते हुए कहा कि कई दिनों से हमारी सही से बात भी नहीं हो पा रही थी। आखिरी बार 22 नवंबर को बात हुई थी। जब मैंने पूछा क्या दिक्कत है? इस पर उन्होंने कहा था कि काम का बहुत प्रेशर है, इसलिए बात नहीं हो पा रही। आज सुबह भी उनका गुड मॉर्निंग का मैसेज आया था। लिखा था- काम बहुत है, बात नहीं कर पाऊंगा। थोड़ी देर बाद पापा के पास फोन आया कि उन्होंने फांसी लगा ली। ससुर रघुनंदन बोले- अधिकारी धमकी देते थे सुधीर के ससुर रघुनंदन होटल की बुकिंग की कॉपी दिखाकर रोने लगे। कहा- धूमधाम से तिलक हुआ था। सब अच्छा था…अचानक ऐसा हो जाएगा, सोचा नहीं था। काम को लेकर दबाव था। हम दलित वर्ग के हैं। दलित लेखपाल होने की वजह से सरकारी कर्मचारियों ने दबाव डाला और उसे परेशान किया। वे धमकी देते थे कि काम पर आओ, नहीं तो सस्पेंड कर देंगे। इस वजह से वह डर के मारे छुट्टी भी नहीं ले रहा था। परसों शाम को हमारी बात हुई थी। मैंने कहा था कि अभी आपका कार्ड बहुत जगह नहीं पहुंचा है। तो उसने मुझे कहा था कि पापा क्या करें… काम का बहुत दबाव है। मैंने उससे कहा था कि अगर कोई दिक्कत है तो सिर्फ 10-20 आदमी लेकर भी आ जाओगे, तो शादी हो जाएगी। घबराना मत, कोई दिक्कत नहीं होगी। सारी जिम्मेदारी उसी के ऊपर थी। बड़ा भाई तो बाहर रहता है। ADM बोले- उसने 3 दिन की छुट्टी मांगी थी, 10 दिन की दी गई
अपर जिलाधिकारी (ADM) अवनीश त्रिपाठी ने बताया- सुधीर कुमार रविवार को तहसीलदार अचलेश सिंह के पास 3 दिन की छुट्टी मांगने गया था। तहसीलदार ने 3 की जगह 10 दिन की छुट्टी देने की बात कही थी। रविवार को ही छुट्टी का आदेश दे दिया गया था। आज सुबह कानूनगो SIR फॉर्म लेने आए थे और चले गए थे। इस मामले में जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। …………………………….. ये खबर भी पढ़ें… लखनऊ में BLO की मौत, नोएडा में टीचर का इस्तीफा, अखिलेश ने खुला लेटर लिखा; VIDEO में देखिए UP में SIR पर संग्राम यूपी में SIR पर संग्राम शुरू हो गया है। नोएडा में एक महिला टीचर ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। लखनऊ में एक BLO की मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि BLO के काम का प्रेशर था। इस वजह से उनकी जान चली गई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया। उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश के सभी 1.62 लाख BLO को एक खुला लेटर लिखा है। VIDEO में देखिए क्या SIR की डेडलाइन बन रही डेथलाइन?
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