प्रयागराज मंडल में यात्रियों को सुरक्षित, स्वच्छ और पारदर्शी कैटरिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रेलवे प्रशासन ने अवैध वेंडिंग पर बड़ा कदम उठाया है। मंडल रेल प्रबंधक रजनीश अग्रवाल के नेतृत्व में चल रहे विशेष अभियान के तहत अब सभी अधिकृत वेंडरों को क्यूआर कोड आधारित परिचय पत्र जारी किए जा रहे हैं। इस पहल के माध्यम से मंडल में फैली अनधिकृत वेंडिंग पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने की योजना है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (कोचिंग) हरिमोहन के निर्देशन में रेलवे बोर्ड के निर्देशों का पालन करते हुए वेंडरों के लिए हाई-सिक्योरिटी क्यूआर कोड युक्त परिचय पत्र तैयार किए जा रहे हैं। वेंडर इस परिचय पत्र के लिए अपने लाइसेंसी के माध्यम से खानपान निरीक्षक या वाणिज्य निरीक्षक को आवेदन देते हैं। सभी जरूरी जांच और सत्यापन के बाद मंडल कार्यालय द्वारा परिचय पत्र जारी किया जाता है। इन परिचय पत्रों में वेंडर का नाम, फोटो, कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, ब्लड ग्रुप, विभाग और सबसे महत्वपूर्ण क्यूआर कोड अंकित रहता है। यात्री, रेलवे कर्मचारी या कोई भी व्यक्ति क्यूआर कोड स्कैन कर वेंडर की वैधता अवधि, आधार विवरण, पुलिस सत्यापन, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, तैनाती स्थान और लाइसेंसी का नाम तुरंत देख सकता है। इससे कैटरिंग सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। क्यूआर कोड स्कैन प्रणाली के लागू होने से अवैध वेंडरों की पहचान त्वरित होगी और बिना अनुमति वेंडिंग करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी। रेलवे प्रशासन का मानना है कि यह कदम न केवल अवैध वेंडिंग पर लगाम लगाएगा बल्कि यात्रियों को स्वच्छ और सुरक्षित खानपान उपलब्ध कराने में भी अहम भूमिका निभाएगा। मंडल में कुल लगभग 1100 वेंडरों को परिचय पत्र जारी किए जाने हैं, जिनमें से 850 से अधिक को क्यूआर कोड युक्त कार्ड मिल चुके हैं। वेंडरों के लिए यह भी अनिवार्य किया गया है कि अवकाश अवधि में उन्हें अपना परिचय पत्र लाइसेंसी को जमा करना होगा। वैधता समाप्त होने पर पर्यवेक्षक संबंधित कार्ड निरस्त कर सकते हैं। रेलवे प्रशासन ने चेतावनी दी है कि बिना क्यूआर कोड परिचय पत्र के वेंडिंग करते पाए जाने पर संबंधित वेंडर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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