बलिया के ददरी मेला में हुई घटना के बाद अधिवक्ता प्रवीण सिन्हा की मौत से अधिवक्ता समाज में रोष है। सोमवार को संयुक्त बार (क्रिमिनल बार एवं सिविल बार) के प्रतिनिधिमंडल ने बलिया सदर कोतवाल से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों की तहरीर के आधार पर तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने कोतवाली में चेतावनी दी कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं होती, अधिवक्ता न्यायिक कार्य से पूरी तरह विरत रहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने इस मामले में ढिलाई बरती तो आंदोलन और तेज होगा। बार पदाधिकारियों ने कहा कि एक अधिवक्ता की मौत पर प्रशासन का चुप रहना व्यवस्था पर कलंक होगा। उन्होंने तर्क दिया कि यदि कानून के रक्षक को ही न्याय नहीं मिलेगा, तो आम नागरिक को न्याय मिलना असंभव है। अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि ददरी मेला की घटना में हुई मारपीट प्रत्यक्ष रूप से जानलेवा साबित हुई और तत्काल कार्रवाई न होना गंभीर लापरवाही है। अधिवक्ता समाज ने सभी सदस्यों से एकजुटता बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने प्रशासन को अंतिम अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि न्याय नहीं मिला तो आंदोलन और अधिक प्रचंड होगा। उल्लेखनीय है कि बीते रविवार को शहर कोतवाली क्षेत्र के विजयीपुर निवासी 50 वर्षीय अधिवक्ता प्रवीण कुमार सिन्हा अपने परिवार के साथ ददरी मेला घूमने गए थे। परिजनों के अनुसार, जलपरी शो के दौरान अफरा-तफरी मच गई थी। प्रवीण सिन्हा के बच्चे शो देख रहे थे, और अफरा-तफरी की सूचना मिलते ही वे जमीन पर गिर पड़े। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें सीपीआर दिया और तुरंत जिला चिकित्सालय पहुंचाया। हालांकि, चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व क्रिमिनल एवं रेवेन्यू बार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष देवेंद्र नाथ मिश्र, अध्यक्ष देवेंद्र दुबे, महासचिव भूपेंद्र कुमार सिंह और अजय कुमार पाण्डेय ने किया।
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