औरंगाबाद स्थित व्यवहार न्यायालय में जिला जज पंचम उमेश प्रसाद ने हसपुरा थाना कांड संख्या 279/23 में अहम फैसला सुनाते हुए दहेज हत्या के मामले में काराधीन पति समेत सास-ससुर को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने अभियुक्त विकास कुमार, उसके पिता योगेंद्र राजवंशी और मां जोखन देवी को भारतीय दंड संहिता की धारा 304(B), 120(B), 201 तथा दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत दोषी पाया है। अदालत ने सास-ससुर का बंधपत्र भी विखंडित कर दोनों को जेल भेजने का आदेश दिया है। सज़ा निर्धारण के लिए 29 नवंबर 2025 की तिथि तय की गई है। सरकारी पक्ष के एपीपी शिवपूजन प्रजापति ने बताया कि मृतका के पिता नंद राजवंशी, निवासी कदवरी चेचाडी (ओबरा), ने 10 अक्टूबर 2023 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दर्ज बयान के अनुसार, उनकी पुत्री प्रियंका कुमारी की शादी बड़े ही धूमधाम से विकास कुमार से की गई थी, जिसमें एक लाख रुपए नकद, बाइक और गहने उपहारस्वरूप दिए गए थे। शादी के कुछ माह बाद ससुराल पक्ष द्वारा अतिरिक्त 50 हजार रुपए की मांग की जाने लगी। मांग पूरी नहीं होने पर मृतका के साथ प्रताड़ना और मारपीट होती थी। 7 अक्टूबर 2023 को हुई थी प्रियंका की हत्या प्राथमिक सूचक ने बताया कि घटना वाले दिन 7 अक्टूबर 2023 की सुबह करीब 10 बजे प्रियंका ने फोन कर कहा था कि घरवालों ने उसके साथ मारपीट की है और वे जान से मार सकते हैं। दोपहर लगभग 12 बजे किसी अन्य व्यक्ति ने फोन कर सूचना दी कि उनकी बेटी की हत्या कर दी गई है और शव को जलाने की तैयारी की जा रही है। परिवार के लोग जब गांव पहुंचे, तो ससुराल पक्ष मृतका के शव को बोरी में बांधकर खेत में फेंककर फरार हो चुका था। सूचना मिलने पर हसपुरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची, शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट तैयार की। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की। मामले की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया। निर्णय के बाद पीड़ित पक्ष ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और दोष सिद्ध होने से उन्हें संतोष मिला है। अब 29 नवंबर को सज़ा पर होने वाली सुनवाई का सभी को इंतजार है, जिससे मृतका को न्याय दिलाने की प्रक्रिया पूरी हो सके।
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