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गोरखपुर में शहीदी दिवस…VIDEO:गुरुद्वारे में सतसंग- कीर्तन, गूंजा ‘वाहे गुरु’ का जयघोष, गुरु-शिष्य के शहादत को किया याद

गोरखपुर में सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर और उनके तीन शिष्य मती दास, सती और दयाला के 350वें शहादत दिवस पर मंगलवार को शहर के जटाशंकर गुरुद्वारे में भव्य आयोजन किया गया। सुबह 8 : 30 बजे से ही गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी। सभी ने गुरुग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेका और उनका आशीर्वाद लिया। इस शहीदी दिवस पर बड़ी संख्या में सिख समुदाय के साथ सभी धर्मों के लोग वहां पहुंच कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सनातन धर्म की रक्षा करने वाले गुरु तेग बहादुर और उनके तीन शिष्यों के बलिदान को याद किया। दिन भर सत्संग, भजन, अरदास और कीर्तन का सिलसिला चलता रहा। वहां मौजूद सभी भक्तों ने अपने गुरु को कोटि- कोटि नमन किया। इस दौरान सभी संगतियों ने गुरुवाणी कर अरदास किया। सभी ने उस भक्तिमय माहौल में पूरी श्रद्धा से कथा पाठ किया। पूरा परिसर ‘वाहे गुरु’ के जयघोष से गूंजता रहा। भजन- कीर्तन में लीन हुए भक्त इस भव्य आयोजन में गुरुवाणी और कीर्तन भजन के बाहर से गायकों को बुलाया गया था। फतेहगढ़ और पंजाब जैसी जगहों से आए गायकों ने मधुर सुर में गाने के माध्यम से गुरु और उनके शिष्यों के बलिदान की कहानी बताई। माहौल भक्तिमय बना रहा। उनके कीर्तन से सभी संगतो को निहाल किया। सभी ने ग्रहण किया लंगर का प्रसाद
शहीदी दिवस पर इस भव्य आयोजन में गुरुद्वारे में लंगर का भी आयोजन किया गया था। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। गुरु की कृपा पाने के लिए संगतियों ने लंगर में प्रसाद वितरण कर सेवा कार्य भी किया। सनातन धर्म की रक्षा के लिए दिया बलिदान
इस दौरान उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य और गुरुद्वारा मीडिया सचिव जगनैन सिंह नीटू कहा- औरंगजेब के खिलाफ सनातन धर्म की रक्षा करते हुए गुरुतेग बहादुर और उनके तीन शिष्य मौत के घाट उतारे गए। उन्होंने बताया- औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर को डरने के लिए उनके शिष्यों को बेरहमी से मारा लेकिन वे डरे नहीं फिर उसने गुरु तेग बहादुर का सर कलम करने का फरमान सुना दिया। सनातन धर्म की रक्षा के लिए वे हंसते- हंसते शहीद हो गए। गुरुतेग बहादुर और उनके शिष्यों का बलिदान अमरत्व को प्राप्त इस अवसर पर गुरुद्वारे में पूर्व मेयर सत्या पांडेय भी मौजूद रहीं। उन्होंने कहा- गुरुतेग बहादुर और उनके शिष्यों का बलिदान को अमरत्व की प्राप्त है। उन्होंने जिस तरह सनातन धर्म की रक्षा की, उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है। पूरा विश्व कर यह याद
वहीं जटाशंकर गुरुद्वारे के अध्यक्ष जसपाल सिंह ने कहा- आज इन महान बलिदानियों के शहादत को 350 वर्ष हो गए। इस दिन को पर पूरे विश्व में बहुत ही श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा और उनके बलिदान को याद किया जा रहा है। इस आयोजन में गुरुद्वारा जटाशंकर के अध्यक्ष जसपाल सिंह, उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य जगनैन सिंह नीटू, मैनेजर रजिंदर सिंह, आरएसएस के प्रांत प्रचार रमेश, पूर्व महापौर डॉ. सत्या पांडेय, समाजसेवी डॉ. सौरभ पाण्डेय, रघुवंश हिंदू, सुधा मोदी, हरप्रीत सिंह साहनी, रविंदरपाल सिंह पप्पू, गुरमीत सिंह, धर्मपाल सिंह राजू, डॉ. दीपक सिंह, त्रिलोचन सिंह, चिरंजीव सिंह हनी, कुलदीप सिंह नीलू, जोगेंद्र सिंह, अजीत सिंह, जसबीर सिंह कंवल, जसविंदर कौर, सुरेंद्र कौर, रनदीप कौर, मंजीत सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।


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