पटना के महावीर मंदिर में विवाह पंचमी के अवसर पर राम-जानकी विवाह को नाटक के माध्यम से दर्शाया गया। इसके लिए दरभंगा, मधुबनी और जनकपुर से कलाकार आए थे। पहले दिन बारातियों का स्वागत हुआ और फिर राम जानकी का जयमाला हुआ। मिथिला रीति से विवाह की सभी विधियों का संगीतमय मंचन किया। इस दौरान कन्या निरीक्षण, ओढंगर, नहछू, कन्यादान, सिंदूरदान, कोहबर समेत सभी विवाह-विधियों की आकर्षक झांकी प्रस्तुत की गई। आज रात में सुंदरकांड का पाठ होगा महावीर स्थान न्यास समिति के एडिशनल सीईओ वरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि जब से महावीर मंदिर अपने वर्तमान स्वरूप में आया है तब से आचार्य किशोर कुणाल ने विवाह पंचमी के मौके पर इस परंपरा की शुरुआत की थी। इसी पंचमी के दिन मिथिला में श्री राम का विवाह माता सीता के साथ हुआ था। इस प्रकरण को मनाने के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम यहां होता है। विवाह के समय जो भी परंपरा थी उसे यहां पर नाटक के माध्यम से दर्शाया जाता है। आज रात में सुंदरकांड का पाठ होगा और फिर कल छप्पन भोग का आयोजन होगा। महावीर मंदिर में हुई राम-जानकी विवाह की प्रस्तुति आज की प्रस्तुति में अयोध्या के राजकुमार श्रीराम ने एक पल में शिव धनुष को तोड़ दिखाया। अब राघव को जनक नंदिनी सीता के गले में वरमाला डालनी है। लेकिन एक समस्या है। जानकी जी कद में उनसे छोटी हैं और दशरथ नंदन के गले में वरमाला नहीं डाल पा रही हैं। जनकपुर की स्त्रियां कहती हैं- तनी झुक जइयो ए राघव जी, लली मेरी छोटी है। फिर भी राघव नहीं झुके तो मिथिलावासी कहते हैं- कौना गुमान में फुलइल हो राघव जी, कौना गुमान में फुलइल। आखिरकार राघव थोड़ा झुकते हैं और जानकी जी उनके गले में वरमाला डाल देती हैं। हास्य-विनोद के साथ मंदिर में राम-जानकी विवाह में वातावरण और भी भक्तिमय हो गया।
https://ift.tt/SpUzoFM
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply