सिद्धार्थनगर में 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियां तेज हो गई हैं। मंगलवार को परिवार न्यायालय में एक प्री-ट्रायल बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश अखिलेश कुमार पाण्डेय ने की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक पारिवारिक विवादों का सुलह-समझौते के माध्यम से निस्तारण सुनिश्चित करना था। बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पदाधिकारी, परिवार न्यायालय के परामर्शदाता और मध्यस्थता केंद्र के सदस्य मौजूद रहे। इसमें आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में पारिवारिक विवादों के एकमुश्त निस्तारण को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया। इसी क्रम में 25 मामलों को चिन्हित कर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधान न्यायाधीश अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि पारिवारिक विवादों का सुलह-समझौते से समाधान न केवल मामलों को शीघ्र निपटाता है, बल्कि परिवारों को टूटने से भी बचाता है। उन्होंने सुलह आधारित निस्तारण को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शैलेंद्र नाथ ने परामर्शदाताओं और मध्यस्थता केंद्र की टीम से अधिक से अधिक मामलों को सुलह के आधार पर निपटाने का प्रयास करने की अपील की। उन्होंने जोर दिया कि राष्ट्रीय लोक अदालत केवल न्याय दिलाने का नहीं, बल्कि रिश्तों को बचाने का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। जनता को राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति जागरूक करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाने की रणनीति भी तय की गई। न्यायाधीश पाण्डेय ने पैरालीगल वॉलंटियरों को निर्देश दिए कि वे जिलेभर के भीड़भाड़ वाले स्थानों, जैसे अदालत परिसर, कलेक्ट्रेट, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल, बाजार और तहसील मुख्यालयों पर जाकर लोगों को लोक अदालत की जानकारी दें। उन्हें यह भी बताया जाएगा कि किन-किन मामलों का निस्तारण इस मंच के जरिए कराया जा सकता है। अधिकारियों का मानना है कि जन जागरूकता से लंबित मामलों की संख्या कम हो सकती है और लोगों को त्वरित व सस्ता न्याय मिल सकता है। आगामी लोक अदालत में पारिवारिक विवादों के साथ-साथ अन्य सुलह योग्य मामलों के निस्तारण की भी उम्मीद है। जिला स्तर पर लोक अदालत को लेकर माहौल बनाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
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