आज गुरुद्वारा गुरु का ताल, आगरा (उत्तर प्रदेश) में सिख समुदाय द्वारा नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर जी की शहादत दिवस के मौके पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। सुबह सहज पाठ के साथ भोग आयोजित किया गया। जहाँ श्रद्धालुओं ने गुरु साहिब की बलिदानी शिक्षाओं को याद कर श्रद्धा अर्पित की। शाम को गुरुद्वारा परिसर में कीर्तन दरबार का कार्यक्रम होगा। जिसमें भजन-कीर्तन, अरदास और संगत (समुदाय) की भागीदारी रहेगी। यह आयोजन न सिर्फ एक आध्यात्मिक सभा होगा, बल्कि गुरु तेग बहादुर जी के मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता के संदेश को जीवंत करने का अवसर भी है। गुरुद्वारा गुरु का ताल का ऐतिहासिक महत्व बहुत गहरा है: यह वही स्थान है जहाँ माना जाता है कि गुरु तेग बहादुर जी ने मुघल सम्राट औरंगज़ेब को अपना आत्मसमर्पण प्रस्तावित किया था। यह स्थल मूलतः एक पुराना ताल था, जिसे 1610 में बनाया गया था, और बाद में 1970 के दशक में गुरुद्वारा के रूप में पुनर्निर्मित किया गया। इस वर्ष, 350वीं शहादत वर्षगांठ के मौके पर आगरा में सरकार ने गुरुद्वारा गुरु का ताल के पुनरुद्धार के लिए लगभग ₹2 करोड़ आवंटित किए हैं। गुरुद्वारा में हाल ही में श्रद्धालुओं के लिए यात्री निवास का भी लोकार्पण हुआ है, जिससे देश-भर से आने वाले भक्तों के लिए सुविधा बढ़ी है। इस कार्यक्रम के ज़रिए सिख समाज अपने गुरु का त्याग, साहस और एकता का संदेश एक बड़े मंच पर साझा करेगा, और आगरा को एक महत्वपूर्ण सिख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में और अधिक प्रतिष्ठित करेगा।
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