मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘वह किस तरह का संदेश दे रहा है? यह सेना अधिकारी की गंभीर अनुशासनहीनता है. उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए था. ऐसे झगड़ालू लोग सेना में रहने के योग्य नहीं हैं.’
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