किशनगंज में युवाओं के बीच नशे का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। नशे के कारोबारी कम उम्र के युवाओं को इसका आदी बना रहे हैं, जिससे अभिभावकों में चिंता है। पुलिस इस संबंध में समय-समय पर कार्रवाई कर रही है और कई तस्करों को गिरफ्तार भी किया गया है।पुलिस अब स्मैक के बड़े कारोबारियों की तलाश में है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) सागर कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी थानाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नशे के कारोबारियों के प्रति कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। स्मैक के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। 22 पुड़िया स्मैक के साथ महिला गिरफ्तार इस टीम में सदर थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार रंजन, तकनीकी सेल के सदस्य और युवा पुलिस अधिकारी शामिल हैं। हालिया गिरफ्तारियों में 17 नवंबर 2025 को बस स्टैंड के पास से 22 पुड़िया स्मैक के साथ एक महिला और 23 नवंबर 2025 को उसी स्थान से 22 पुड़िया स्मैक के साथ दो अन्य महिलाओं को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। 24 नवंबर 2025 को बस स्टैंड के पास से 8.1 ग्राम स्मैक के साथ दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया था। 19 अक्टूबर 2025 को मेला माट से एक महिला को 101 पुड़िया स्मैक के साथ पकड़ा गया था। इसी वर्ष जून माह में मोतीबाग से 10.60 ग्राम स्मैक और वजन मशीन के साथ दो युवकों को गिरफ्तार किया गया। 55 लाख के स्मैक के साथ कारोबारी गिरफ्तार वर्ष 2024 में अक्टूबर माह में पुलिस ने 55 लाख रुपए मूल्य के स्मैक के साथ एक बड़े कारोबारी को गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई में महिला और पुरुष दोनों कारोबारी शामिल थे, जिन्हें जेल भेजा गया। पिछले दो महीनों में भी आधा दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
किशनगंज एक सीमावर्ती जिला होने के कारण पुलिस को शराब और अन्य नशीले पदार्थों पर अंकुश लगाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन एसपी कुमार आशीष ने स्मैक की बड़ी खेप के साथ कुछ कारोबारियों को पकड़ा था। उस समय पूछताछ में यह सामने आया था कि स्मैक दूसरे राज्यों से किशनगंज लाया जाता था। स्मैक तस्करों को लगाया जाता है कारोबार में इस कारोबार में खेप को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए छोटे मोटे स्मैक तस्करों को लगाया जाता है। सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर देवेंद्र प्रसाद ने कहा कि स्मैक मेडिकल फील्ड में सीवियर दर्द के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नशे के लिए इसका इस्तेमाल बेहद खतरनाक है। ये स्नायु तंत्र को स्लो कर देता है। इसका अत्यधिक सेवन किडनी,लीवर ,फेफड़ा को डैमेज करता है। इससे शरीर में डोपामिन नाम के रसायन का स्राव होता है। जिस कारण उग्रता उत्पन्न हो जाती है। बाद में व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। बांझपन का शिकार हो सकता है। इसके छुटकारे के लिए पुनर्वास की व्यव्स्था करनी होगी।
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