देवरिया में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन कार्य को गति देने के प्रयास तेज हो गए हैं। प्रशासन ने इस कार्य में आ रही दिक्कतों को देखते हुए विभिन्न विभागों से कुल 26 कंप्यूटर ऑपरेटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। एडीएम प्रशासन जैनेंद्र सिंह ने संबंधित अधिकारियों को शीघ्र कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा है, ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन पूरा किया जा सके। जिले की सातों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 24,09,009 मतदाता पंजीकृत हैं। पूरे जिले में 2514 बूथों पर बीएलओ तैनात किए गए हैं। बीएलओ लगातार गणना प्रपत्रों को जमा कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते डिजिटाइजेशन की गति धीमी बनी हुई है, जिससे अपेक्षित प्रगति नहीं मिल पा रही है। रविवार शाम 4 बजे तक जहां 17.57 प्रतिशत गणना प्रपत्र डिजिटाइज्ड हुए थे, वहीं सोमवार शाम तक यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 24 प्रतिशत तक पहुंच पाया। अब तक कुल 5,70,929 प्रपत्र डिजिटाइज्ड हो चुके हैं। बीएलओ के प्रयासों से प्रगति में सुधार तो हुआ है, लेकिन लक्ष्य अभी भी काफी दूर है। जिला प्रशासन ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र देवरिया में डीआईओएस, बीएसए, डीपीओ, डीपीआरओ, जिला समाज कल्याण अधिकारी, ईओ नगर पालिका, डीएसटीओ, डीडीओ और डीसी मनरेगा से एक-एक कंप्यूटर ऑपरेटर की मांग की गई है। रुद्रपुर, बरहज और सलेमपुर विधानसभा क्षेत्रों के लिए चार-चार कंप्यूटर ऑपरेटर उपलब्ध कराने को कहा गया है। एडीएम प्रशासन ने डिजिटाइजेशन की धीमी प्रगति को देखते हुए सभी विभागों को तुरंत कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। इस बीच, रामपुर कारखाना विधानसभा क्षेत्र में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में लगाए गए 17 सुपरवाइजरों की कार्य-प्रगति अत्यंत खराब पाई गई है। एएसडीएम सलेमपुर दीपराज सिंह ने दो दिन पूर्व बीएसए को पत्र भेजकर इन सुपरवाइजरों का वेतन बाधित करने के निर्देश दिए हैं। बताया गया है कि इनका डिजिटाइजेशन कार्य 10 प्रतिशत से भी कम है, जो गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
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