अयोध्या में रामलला मंदिर के स्वर्ण शिखर पर होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए बाराबंकी से 93 सदस्यीय सर्वसमाज प्रतिनिधि जत्था रवाना हुआ। इस अवसर पर जिले में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शहर के जीआईसी ऑडिटोरियम में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय की उपस्थिति में इस जत्थे को अयोध्या के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। संत प्रांजल दास और जिला प्रचारक रवि ने ‘जय श्रीराम’ के जयकारों के बीच जत्थे को विदा किया। इस जत्थे में 2 महिला संत, 15 पुरुष संत और 3 अन्य महिलाओं सहित कुल 93 सदस्य शामिल हैं। सभी सदस्यों को प्रवेशिका और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। ध्वजारोहण के उपलक्ष्य में शहर के विभिन्न स्थानों पर हनुमान चालीसा पाठ, सुंदरकांड पाठ और सामूहिक प्रार्थना जैसे आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। रामसनेहीघाट क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड का पाठ कर समाज के लिए मंगलकामनाएं कीं। जिला कार्यवाह सुधीर तिवारी ने इस अवसर को सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का महत्वपूर्ण क्षण बताया। जिला प्रचारक रवि ने कहा कि “राम भारतीय चेतना और गौरव के प्रतीक हैं।” जत्थे में शामिल प्रमुख संतों और प्रतिनिधियों में साध्वी अर्चना गिरी, साध्वी श्रद्धा चैतन्य, बब्लू दास, प्रांजल दास, शोभा दास, आलोक दास, अंकित भारती, कृपा शंकर, कमलेश कुमार, मोनू दास, शत्रुहन दास और मुरारी दास शामिल थे। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े ओम प्रकाश निगम और समाज के अन्य प्रतिनिधि भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। रामलला मंदिर के स्वर्ण शिखर पर ध्वजारोहण समारोह 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना है। बाराबंकी से रवाना हुआ यह जत्था इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनेगा।
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