‘संजय यादव, घर की रखवाली करने वाले हो, रखवाली करो, मालिक न बनो।’ इतना कहकर राजद प्रमुख लालू यादव के गांव फुलवरिया के गुलाम रसूल कप्तान चुप हो जाते हैं। आंखों में गुस्सा साफ दिखता है। वो चुनावी हार और इसके बाद लालू परिवार के अंदर चल रहे ड्रामे से दुखी हैं। यह हाल सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं है। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को जिस स्थिति में घर छोड़ना पड़ा। वह रोती-बिलखती, चीखती नजर आईं। इससे लालू के गांव वाले नाराज हैं। हालांकि, उनकी नजर में उनके ‘युवराज’ मने तेजस्वी यादव बेदाग हैं। वह बड़ी बहन पर चप्पल नहीं उठा सकते। भास्कर की टीम गोपालगंज जिले के फुलवरिया गांव पहुंची। हमने लोगों से बात की। पूछा कि चुनावी नतीजे और लालू परिवार के अंदर के विवाद पर क्या कहना है? पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट पहले जानते हैं रोहिणी आचार्या ने क्या कहा? 14 नवंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आए। राजद को सिर्फ 25 सीटें मिलीं। 15 नवंबर 2025: लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने X पर पोस्ट किया, ‘मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।’ रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘मेरा कोई परिवार नहीं, मेरा कोई घर नहीं…ये सब संजय यादव, रमीज और तेजस्वी से पूछिए, पूछने पर चप्पलों से पीटा जाता है!’ फिर देर रात रोते-रोते राबड़ी आवास छोड़ दिया। 16 नवंबर 2025: रविवार को रोहिणी ने तेजस्वी यादव और उनके करीबियों पर आरोप लगाए। कहा- ‘मुझे गालियां दी गईं, मेरी किडनी को गंदा बताया गया। मारने के लिए चप्पल उठाई गई। मुझसे मेरा मायका छुड़वा दिया गया।’ चुनाव में मिली हार के बाद टूटा लालू यादव का परिवार चुनाव में RJD की करारी हार के बाद लालू परिवार टूट गया है। तेज प्रताप यादव को पहले ही पार्टी और परिवार से निकाल दिया गया था। अब रोहिणी आचार्य को भी घर छोड़कर जाना पड़ा है। यह वही रोहिणी आचार्य हैं, जिनकी पटना में शादी की चर्चा सबसे ज्यादा होती रही है। जब भी लालू सरकार के जंगल राज की बात होती है, रोहिणी की शादी की भी चर्चा जरूर होती है। बताया जाता है कि पटना में कैसे शो रूम से गाड़ियां जबरदस्ती खींच ली गईं थीं। लालू के गांव फुलवरिया के लोगों को उम्मीद, फिर एकजुट होगा परिवार लालू यादव मूल रूप से गोपालगंज के फुलवरिया गांव के हैं। इस गांव के लोग आज भी लालू यादव के परिवार को अपना परिवार मानते हैं। फुलवरिया पटना से करीब 150 km दूर है। फुलवरिया गांव में प्रवेश करते ही हमारी मुलाकात राकेश सिंह से हुई। राकेश पेशे से व्यवसायी हैं। हमने पूछा- राजद चुनाव हार गई, क्या कहेंगे? राकेश ने जवाब दिया, ‘RJD को सिर्फ 25 सीटें मिलीं। यह बहुत बड़ी चिंता की बात है। इतनी बड़ी हार हमने नहीं सोची थी। लालू यादव बिहार के सीएम थे तब फुलवरिया का काफी विकास हुआ।’ उन्होंने कहा, ‘पहले इस गांव की हालत ठीक नहीं थी। लालू ने अपने कार्यकाल में यहां काफी काम कराया। यहां अस्पताल, ब्लॉक और थाना बनवाए। हमें आशा थी कि इस बार फिर से RJD की सरकार बनेगी। ऐसा होता तो फुलवरिया को फिर से एक नई पहचान मिलती।’ तेजस्वी का नेतृत्व ठीक, महिलाओं ने चुपचाप दिया नीतीश को वोट क्या नीतीश के समय इस गांव का विकास नहीं हुआ है? इस सवाल पर राकेश ने कहा, ‘नीतीश कुमार के समय भी सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। हालांकि खास फायदे नहीं मिल रहे। हमने कभी नहीं सोचा था कि गांव में रेलवे स्टेशन बनेगा, लेकिन लालू ने ऐसा कर दिया।’ क्या तेजस्वी पार्टी का नेतृत्व नहीं कर पा रहे हैं? इसपर राकेश ने कहा, ‘तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद बढ़िया कर रहा है। पिछली बार से इस बार वोट परसेंट बढ़ा है, लेकिन लोगों ने नीतीश को बहुमत दिया है। इस बार सबसे ज्यादा फैक्टर महिलाओं के खाते में पैसे भेजना रहा है। महिलाओं ने साइलेंट तरीके से नीतीश को वोट दिया है।’ रोहिणी को गुमराह किया जा रहा, जल्द खत्म होगा विवाद लालू परिवार में फूट हो गई है। इतना सुनते ही दुख व्यक्त करते हुए राकेश ने कहा, ‘यह परिवार के अंदर की बात है, इसे बाहर नहीं आना चाहिए। पता नहीं घर के अंदर क्या हुआ है जो इस तरह का टूट हुआ है। रोहिणी ने तेजस्वी पर जो आरोप लगाए हैं, मुझे नहीं लग रहा कि वे सच हैं। चुनाव आयोग ने की वोट चोरी गांव में चंद कदम आगे बढ़ने पर हमें गुलाम रसूल कप्तान मिले। रिजल्ट की बात सुनते ही वोट चोरी का आरोप लगाने लगे। कहा, ‘इस हार में गलती किसी नेता या कार्यकर्ता की नहीं, असली गलती और चोरी चुनाव आयोग ने की है। चुनाव आयोग ने वोट चोरी की। इसके चलते RJD इतनी कम सीटों पर सिमट गई।’ तेजस्वी कभी नहीं उठाएगा बहन पर चप्पल लालू परिवार में फूट की बात सुनते ही गुलाम रसूल बोले- ‘मां‑बाप जितने लाड़‑प्यार से बच्चों को पालते हैं, उतना ही उन्हें डांटने का भी हक होता है। भाई कल तक रोहिणी को दीदी कहता था। मान‑सम्मान देता था, क्या वही अचानक दुश्मन हो जाएगा? वह बड़ी बहन को डांटेगा, मारने के लिए चप्पल उठाएगा? ऐसा संभव नहीं।’ संजय यादव घर की रखवाली करें, मालिक नहीं बनें संजय यादव पर भड़कते हुए गुलाम रसूल ने कहा, ‘संजय यादव पार्टी के सदस्य हो सकते हैं, लेकिन परिवार के नहीं। जो व्यक्ति घर की रखवाली के लिए होता है वो कभी घर का मालिक नहीं होता। घर के मालिक वही होते हैं जो उस घर के असली सदस्य होते हैं। संजय हमारे परिवार के मेंबर नहीं हैं, वे पार्टी के मेंबर हैं।’ लालू ने गांव के लिए काफी काम किया, RJD सत्ता में होती तो… इसके बाद हमारी मुलाकात मुकेश गुप्ता से हुई। मुकेश मजदूरी करते हैं। राजद की हार पर कहा, ‘वोटिंग या काउंटिंग में जरूर गड़बड़ी की गई है, जिसके चलते आरजेडी की इतनी बड़ी हार हुई है। लोगों ने RJD को काफी वोट किया है, इसके बाद भी हार हुई।’ लालू यादव ने गांव में काम कराया था? इस सवाल पर मुकेश ने कहा, ‘उन्होंने गांव में बहुत काम कराया। अगर आज RJD की सरकार होती तो फुलवरिया की एक अलग पहचान होती। लालू ने अपने समय में गांव को ब्लॉक बनवा दिया। यहां थाना, हॉस्पिटल, रेलवे स्टेशन सब कुछ बन गया। उनके सत्ता से हटने के बाद से गांव उपेक्षित है।’ लालू परिवार में टूट पर मुकेश बोले, ‘परिवार में विवाद होते हैं। आने वाले समय में सभी लोग एक हो जाएंगे। हम यही आशा करते हैं कि घर के सभी लोग फिर से एक हो जाएं। सभी लोग मिलकर चुनाव लड़े और परिवार व पार्टी दोनों ताकतवर बने।’ बिहार की जनता मौका दे तो तेजस्वी बढ़िया काम करेंगे लोगों से बातचीत करते हुए हम आगे बढ़ रहे थे तभी अजीज अंसारी ने हमें टोका। पूछा- कहां से आए हैं? हमने कहा- मीडिया से हैं। राजद की हार पर क्या कहेंगे? इसपर अजीज अंसारी बोले- ‘लालू यादव ने हमें पहचान दिलाई है। उनके चलते गांव की तरक्की हुई। भले ही वह हार गए हैं, लेकिन जो हारता है, वही जीतता है। वह फिर से जरूर जीतेंगे। तेजस्वी बिहार के विकास के लिए काम करेंगे। उन्हें लोगों ने मौका ही नहीं दिया है, अगर बिहार की जनता मौका देती है तो वह जरूर बढ़िया काम करेंगे।’ लालू परिवार में हुई टूट पर अजीज बोले, ‘दो भाइयों के बीच नहीं बन रहा है। एक परिवार का निजी मामला है। हम तो यही चाहते हैं कि आने वाले समय में परिवार एक हो। सभी साथ मिलकर चुनाव लड़ें।’ लालू यादव ने बनवा दिया रेलवे स्टेशन, लेकिन महिलाओं के लिए वॉशरूम तक नहीं गांव के लोगों से बातचीत के बाद हम फुलवरिया रेलवे स्टेशन पहुंचे। इसे लालू यादव ने बनवाया था। यहां हमें नीतीश कुमार पांडे मिले। फुलवरिया गांव रहने वाले हैं। रेलवे स्टेशन की बदहाली दिखाते हुए नीतीश ने कहा, ‘लालू यादव जब रेल मंत्री थे तब यह स्टेशन बनवाया था। आज यह बदहाल स्थिति में है। यहां न ढंग की रोशनी की व्यवस्था है और न महिलाओं के लिए वॉशरूम। लालू के समय में यहां समय से ट्रेन आती थी, स्टेशन पूरा चकाचक रहता था, लेकिन सरकार बदलते ही इसकी हालत खराब हो गई है।’
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