अलीगढ़ में साथा चीनी मिल किसान संघर्ष मोर्चा और किसान मजदूर संगठन के पदाधिकारी सोमवार को प्रभारी मंत्री एवं गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी से मिलने के लिए सुबह 11 बजे से सर्किट हाउस पर एकत्र होने लगे। मंत्री से मिलने से रोकने पर जिला प्रशासन और किसानों के बीच नोकझोंक भी हुई। इस पर किसान हाथों में गन्ने लेकर धरने पर बैठ गए। प्रभारी मंत्री के आते ही किसानों ने चीनी मिल न बनने पर मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। दो साल से चीनी मिल पर लटका है ताला मंत्री से मिलने की जिद पर अड़े किसानों के तेवर देख जिलाधिकारी संजीव रंजन, एसएसपी नीरज सिंह जादौन और सीडीओ योगेंद्र सिंह वार्ता के लिए मौके पर पहुंचे। किसान नेता डॉ. शैलेंद्र पाल सिंह ने अधिकारियों को बताया कि पिछले आठ वर्षों से किसान साथा चीनी मिल के निर्माण के लिए आंदोलनरत हैं। दो साल से मिल पर ताला लटका है, जबकि 2023 के बजट में मिल के लिए धन स्वीकृत किया जा चुका है, फिर भी निर्माण शुरू नहीं हुआ। प्रशासन पर मंत्री से मिलने से रोकने का आरोप डॉ. शैलेंद्र पाल सिंह ने आरोप लगाया कि मंत्री से मुलाकात में प्रशासन बाधा डाल रहा है। इस पर डीएम ने किसानों को मंत्री से मिलवाने का आश्वासन दिया। सर्किट हाउस पर कोर कमेटी की मीटिंग के बाद किसानों के बीच पहुंचे प्रभारी मंत्री को प्रदेश अध्यक्ष अजीत पाल सिंह ने 2024 की नुमाइश के उद्घाटन के दौरान किया गया वादा याद दिलाया। जिसमें मंत्री ने मंत्री ने चीनी मिल बनवाने की बात कही थी। वादे के बाद भी नहीं हुआ चीनी मिल का निर्माण प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2027 का चुनाव आने को है, फिर भी मिल का निर्माण नहीं हुआ। वहीं, जिलाध्यक्ष बंटी ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 2022 की कासिमपुर और 2024 की गभाना सभा में चीनी मिल का वादा किया था, जो अब तक सिर्फ घोषणा बनकर रह गया। 7 विधायक, 3 एमएलसी और 2 सांसद, फिर भी किसान परेशान जिला प्रभारी श्रीपाल चौहान ने कहा कि अलीगढ़ में गन्ना क्षेत्रफल 22 हजार हेक्टेयर से घटकर मात्र 4500 हेक्टेयर रह गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके जनप्रतिनिधि ही जिम्मेदार हैं। कोल तहसील अध्यक्ष देवराज सिंह ने कहा कि अलीगढ़ ने 7 विधायक, 3 एमएलसी और 2 सांसद बीजेपी को दिए हैं। बावजूद इसके किसान चीनी मिल के लिए परेशान हैं। चीनी मिल निर्माण नहीं हुआ तो होगा आंदोलन अखंड भारत हिंदू सेना के दीपक शर्मा आजाद ने प्रभारी मंत्री से कहा कि साथा चीनी मिल बंद होने से किसान परेशान हैं। चीनी मिन बंद होने से गन्ने का रकवा कम हो गया है। इसके अलावा यहां के किसानों को बुलंदशहर और अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है। इसमें उनको खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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