किसानों और मजदूरों की समस्याएं:स्मार्ट मीटर से बिजली बिल दोगुना, मनरेगा मजदूरी कम; सीपीएम ने डीएम को ज्ञापन दिया

सुलतानपुर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। पार्टी ने किसानों और मजदूरों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। सीपीएम का कहना है कि सरकार रोजगार सृजन की बजाय पदों को समाप्त कर रही है। विद्यालयों का मर्जर इसका उदाहरण है। किसानों की लागत बढ़ रही है। उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। उर्वरक सब्सिडी हटाने से यूरिया की कमी हो गई है। महिला किसानों को भी रात में यूरिया के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है। मनरेगा में वर्तमान में 252 रुपए की मजदूरी दी जा रही है। न तो कार्य दिवस बढ़े हैं और न ही मजदूरी। 3 तस्वीरें देखिए… पार्टी ने मनरेगा को खेती से जोड़ने की मांग की है। आवारा पशुओं से फसल की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है। फसल की सुरक्षा में पशु की मौत पर किसानों पर मुकदमा दर्ज किया जाता है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली के बिल दोगुने-तिगुने आ रहे हैं। पार्टी ने बिजली के निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग की है। स्मार्ट मीटर पर रोक और बकाया बिजली बिल माफी की मांग भी की गई है। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए रिक्त पदों पर भर्ती की मांग की गई है। पहले से नियुक्त अध्यापकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया है। निजी विद्यालयों की फीस पर नियंत्रण की मांग भी की गई है। खाद और बीज पर सब्सिडी बढ़ाने तथा कीटनाशक दवाओं के दाम कम करने की मांग की गई है। पेट्रोल-डीजल और दवाओं की कीमतों में कमी की मांग भी ज्ञापन में शामिल है।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर