संभल के किसानों ने एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही और अधिकारियों की उदासीनता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (शंकर) के प्रतिनिधियों ने डीएम को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपकर किसानों की लगातार बढ़ती समस्याओं को विस्तार से रखा और तत्काल समाधान की मांग की। यूनियन का आरोप है कि विभिन्न विभागों के अधिकारी किसानों की परेशानियों पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जिससे स्थिति बिगड़ती जा रही है। किसान नेताओं ने बताया कि कई किसानों का भुगतान अब तक लंबित है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। बार-बार शिकायतों के बावजूद भुगतान जारी नहीं किया जा रहा है। यूनियन ने इसे किसानों का खुला शोषण बताते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग पर भी गंभीर आरोप लगाए गए। किसानों का कहना है कि कई सरकारी अस्पतालों और उपकेंद्रों पर डॉक्टर समय पर ड्यूटी पर नहीं रहते, जिससे ग्रामीणों को इलाज में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली विभाग पर गलत बिल जारी करने और बार-बार अनियमित कटौती का आरोप भी ज्ञापन में शामिल किया गया। किसानों ने कहा कि लगातार कटौती से सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहा है और आम जनता भी परेशान है। इसी प्रकार पुलिस और ट्रैफिक पुलिस द्वारा बिना वजह चालान काटे जाने की शिकायत भी उठाई गई। किसानों ने कहा कि मनमाने चालान ग्रामीणों के लिए अतिरिक्त संकट पैदा कर रहे हैं। गांवों की सफाई व्यवस्था को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की गई। नालियों के जाम होने, सड़कों पर गंदगी फैलने और बीमारी फैलने के खतरे को यूनियन ने गंभीर मुद्दा बताया। इसके अलावा, किसानों ने आरोप लगाया कि कुछ लेखपाल जमीन से जुड़े कागजों में गलत नाम और अंश दर्ज कर रहे हैं, जिससे राजस्व विवाद बढ़ रहे हैं। राशन कार्डों में अवैध नाम जोड़ने की शिकायतों को भी यूनियन ने प्रमुखता से उठाया। यूनियन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो आगामी दिनों में बड़े स्तर पर आंदोलन और धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे। प्रशासन की प्रतिक्रिया का अब सभी को इंतजार है।
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