सरयू तट से शुरू हुई रोजगार दो–सामाजिक न्याय दो पदयात्रा सोमवार को प्रयागराज के संगम तट पर पहुंचकर पहले चरण में पूरी हुई। यहां पहुंचकर संजय सिंह ने मां गंगा की पूजा-अर्चना की और जय गंगा मां, जय त्रिवेणी के नारे लगाए। उन्होंने कहा भगवान राम ने तो शबरी के झूठे बेर खाए थे लेकिन आज की राजनीति में दलितों और आदिवासियों के साथ 100% भेदभाव हो रहा है। संजय सिंह ने इस मौके पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है। बुलडोजर नीति से गरीबों का जीवन उजड़ रहा है और समाज में भेदभाव बढ़ता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि युवाओं, महिलाओं और बुनकरों के पास रोजगार नहीं है जबकि आउटसोर्सिंग के जरिए सरकारी नौकरियां खत्म की जा रही हैं। रेहड़ी-पटरी वालों का रोजगार छीनकर बुलडोजर चलाया जा रहा है। राम मंदिर को लेकर भी उन्होंने सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब मंदिर का शिलान्यास हुआ तो तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया और जब उद्घाटन हुआ तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी आमंत्रित नहीं किया गया। दोनों ही देश के सर्वोच्च पद पर बैठे हैं पर सिर्फ इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि एक दलित समाज से हैं और दूसरी आदिवासी समाज से। क्या जाति की वजह से देश के राष्ट्रपतियों को राम मंदिर के कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया? संजय सिंह ने कहा नफरत से परिवार नहीं चलता, देश कैसे चलेगा? उन्होंने आगे आरएसएस पर निशाना साधते हुए पूछा कि सौ सालों में संघ का एक भी प्रमुख दलित या पिछड़ा क्यों नहीं बना? उन्होंने बताया कि यह यात्रा संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए निकाली गई है और इसे जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। सरयू तट से शुरू यह यात्रा आठ चरणों में पूरे उत्तर प्रदेश को जोड़ेगी।
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