भदोही में शनिवार को एक कालीन कंपनी में दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। औराई स्थित फैक्ट्री के डाइंग हाउस में मोटर दुरुस्त करने उतरे तीन मैकेनिक जहरीली गैस की चपेट में आकर मौके पर ही ढेर हो गए। हादसा इतना अचानक हुआ कि ऊपर खड़े कर्मचारी कुछ समझ पाते, तब तक तीनों गिर चुके थे। केबिन में पहले से भरी थी जहरीली गैस, किसी को भनक तक नहीं जानकारी के मुताबिक डाइंग हाउस के केबिन में वॉशिंग और ETP प्लांट से जुड़ी प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान केबिन में जहरीली गैस भर गई, लेकिन कर्मचारियों को खतरे का अंदेशा तक नहीं हुआ।इसी बीच मोटर खराब होने की सूचना पर तीनों मैकेनिक — शितला मिश्र (55), दयालापुर, शिवम् दुबे (32), सहसेपुर, राजकिशोर तिवारी (52), मध्य प्रदेशनीचे उतरे थे। कुछ ही सेकंड में गैस का असर इतना तेज हुआ कि तीनों बेहोश होकर गिर पड़े। अस्पताल ले जाते ही डॉक्टरों ने मृत घोषित किया चीख-पुकार सुनते ही कर्मचारी नीचे भागे और तीनों को निकालकर अस्पताल ले गए। लेकिन डॉक्टरों ने पहुंचते ही तीनों को मृत घोषित कर दिया। जैसे ही खबर फैली, फैक्ट्री परिसर में हड़कंप मच गया। घटना के बाद कर्मचारियों में सवाल उठ रहे हैं कि केबिन में गैस भरने की जानकारी क्यों नहीं मिली?क्या गैस सेंसर या चेतावनी अलार्म मौजूद नहीं था?क्या अंदर जाने से पहले सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ? हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। फैक्ट्री प्रबंधन से पूछताछ की जा रही है और गैस लीक के असल कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। तीनों मृतकों के परिवारों में मातम पसरा है। वहीं फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी सदमे में हैं। लोगों का कहना है कि यह हादसा लापरवाही का नतीजा हो सकता है और जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। फिलहाल जांच जारी है, लेकिन इस हादसे ने औद्योगिक सुरक्षा को लेकर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
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